जान जोखिम में डालकर शिक्षक करते हैं ड्यूटी।
जान जोखिम में डालकर शिक्षक करते हैं ड्यूटी।

*लोकेशन :-* सहरसा
*संवाददाता :-* विकास कुमार 8877760777।
*स्लग :-* जान जोखिम में डालकर शिक्षक करते हैं ड्यूटी।
*स्टोरी :-* जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने पर मजबूर टीचर्स, कमर तक पानी लेकिन सो रहा विभाग।
*एंकर :-* कोसी नदी के तेज धार की तस्वीर अपने जरूर देखा होगा वह खौफनाक मंजर जहां दर्जनों का दर्जन घर कोसी नदी में समा रहा है वही बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है , इस बीच सबसे कठिन परिस्थितियों में शिक्षक फस जाते हैं तटबंध के अंदर में स्थित सरकारी स्कूलों तक पहुंचने के लिए शिक्षकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है , कभी नाव की सवारी शिक्षक करते हैं तो कभी शिक्षक पानी में तैर कर अपनी ड्यूटी को पूरा करने के लिए जी जान लगा देते हैं , वही जान जोखिम में डालकर शिक्षक स्कूल तक पहुंचते हैं और वहां बच्चों को ज्ञान देने का काम करते हैं ।
सहरसा जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर किसी की भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे , यह तस्वीर शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं , शिक्षक अपनी जान को जोखिम में डालकर देखिए कैसे स्कूल तक पहुंचते हैं महिला शिक्षिका हो या पुरुष शिक्षक सभी इसी तरह कमर भर पानी में तैर कर स्कूल जा रहे हैं । इस बीच कैमरे के सामने शिक्षकों का दर्द निकल आया शिक्षकों ने यह कहा कि कैसे हम लोग जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं अगर शिक्षा विभाग इस इलाके के लिए कोई व्यवस्था करती तो आज यह नौबत नहीं आती ।
यह तस्वीर सहरसा जिले के नौहट्टा प्रखंड के तटबंध के अंदर स्थित रामपुर छतवन की है जहां उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामपुर छतवन में अपनी ड्यूटी देने जा रहे शिक्षक कमर से ऊपर तक पानी में तैर कर स्कूल तक पहुंच रहे हैं । इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा , अपनी जान जोखिम में डालकर अपने ड्यूटी को पूरा कर रहे हैं । शिक्षकों की माने तो कई बार इसकी शिकायत की गई इसके बारे में जानकारी विभाग को दिया गया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है ।
वही विद्यालय के शिक्षक रमेश कुमार, विजय कुमार, संतोष कुमार शाह, जावेद आलम, गुड्डी कुमारी, नीतू कुमारी, उपमा कुमारी ,रेणु देवी ,निखत परवीन, उमरा खातून, सुधा कुमारी बताती है कि विभाग ऐसी परिस्थितियों में हम लोगों के लिए सुविधा देनी चाहिए कैसे हम लोग स्कूल पहुंचेंगे जान जोखिम में डालकर हम लोग स्कूल तक जाते हैं, काफी डर बना रहता है ,कमर से ऊपर तक पानी बनी रहती है और इसी पानी में तैर कर हम लोग स्कूल तक पहुंचते हैं ।
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