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फिरोजाबाद दीपावली पर अपने जीवन में से अज्ञानता को जलाकर ज्ञान का दीपक जलाएं

दीपावली पर अपने जीवन में से अज्ञानता को जलाकर ज्ञान का दीपक जलाएं

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पंडित श्याम शर्मा मंडल प्रभारी

दीपावली पर अपने जीवन में से अज्ञानता को जलाकर ज्ञान का दीपक जलाएं सभी श्रावको को जीवो की हिंसा रोकने के लिए पटाखों को ने का लिया संकल्प दिलवाया ,सुबह प्रवचन के मौके पर मुनि श्री 108 हेमदत्त सागर महाराज जी ने कहा कि जो इस भव में आया है उसका जाना भी सत्य है, अज्ञानता के कारण हम मृत्यु में दुख का अनुभव करते है, शरीर को एक दिन त्यागना है तो फिर इसके लिए रोना कैसा , कर्मो के हिसाब से फाल मिलता है इसलिए विचार करो की अपनी आत्मा को सुन्दर बनाना है उसको ज्ञान और टेप की भट्टी में तपाना है जिसके आपके जीवन में असली निखार आ सके , कषाय, राग द्वेष त्यागो और जीवन में समता लाओ शांति लाओ तब जाके जीवन तुम्हारा स्वर्ग बनेगा, इसलिए हमेशा अच्छे कामों की तरफ अग्रसर रहो, तुमको मनुष्य योनि बड़े भाग्य से मिली है उसको जीवो की दया में लोगो के उत्थान में और अपनी आत्मा को परमात्मा में लगाने में लगाओ, हिंसा,झूठ, चोरी, परिग्रह, इन पापो को अपने जीवन से निकालो , जितना भी तुम्हारे जीवन में है वो चीज या वस्तु पर ही है तुम्हारे लिए, इसलिए कभी जीवन में अहम मत करो अहंकार हमेशा गर्त में ले जाता है,
मुनि श्री 108 शिवदत्त सागर महाराज जी ने कहा कि दीपावली का त्योहार बड़े आनंद से मनाना चाहिए, दीवाली पर जिन अभिषेक मिले, गुरु का सानिध्य मिले तो दिवाली पर सोने पर सुहागा हो जाएगा, दिवाली से शिक्षा लेने की जरूरत है क्युकी दीपक मिट्ठी का क्यों जलाते है क्युकी यह जीवन भी मिट्टी की तरह है यह कब जल जाएगा पता नहीं चलेगा इसलिए दीपक की तरह अपने जीवन को रोशन रखो, दीपक जलाकर अगर तुम्हे बैरागी की अनुभूति नहीं हो रही है तो तुम्हारा जीवन व्यर्थ है, जब तक दीपक में तेल और बाती है उस दीपक की कीमत है उसी तरह इस शरीर में अपनी आत्मा से तुमने तप नहीं किया स्वाध्याय नहीं किया तो तुम्हारे जीवन का कोई मोल नहीं है , दीपक प्रकाश का प्रतीक होता है इस दीवाली ऐसा विचार करो कि हमारे जीवन से अज्ञान , पाप कर्म का नाश हो सके है, हमारे जीवन में हम दिवाली इस लिए मनाते है की अयोध्या में राम जी का आगमन और भगवान महावीर के मोक्ष कल्याण के उपलक्षय में भी हम दिवाली को दीपक रोशन करके बड़े उत्साह से मनाते है, अपने जीवन में धर्म और मोक्ष की प्राप्ति करनी है तो अपने घर में घी का दीपक जलाओ और अपने जीवन को धर्ममय करो,16 कारण भावनाओ को भाकर हम तीठंकर का बंध कर सकते है इसलिए हम मंदिर में 16 दीपक जलाएं जाते है 16 दीपक भी 4,4 बाती वाले होने चाहिए 64 बाती की तरह अपने जीवन से अज्ञान को जलाकर ज्ञान का अनुभव कर सके, कृष्ण जी तो लोगो के उत्थान के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था और हम लोग लक्ष्मी बॉम्ब लगाकर हम जीव हत्या का बंध बांधते है और अपनी लक्ष्मी का नुक़सान करते है, खुशी हम कई तरीके से मना सकते है जहां जीव हिंसा हो वो कार्य नहीं करना चाहिए दीपक जलाकर दिवाली मनानी चाहिए,
इस मौके पर ब्रज क्षेत्र सह प्रभारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा सचिन जैन, चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष डॉ शैलेन्द्र जैन, अनिल जैन राजू, कमलेश जैन, सुमन गुरुजी, सुभाष जैन, विमल जैन बॉबी, महेश जैन, विजय जैन, कुलदीप जैन, दिनेश जैन, राजेश जैन, आशु जैन,अरिहंत, गोलू, निखिल, गोपाल, प्रखर, समस्त जैन समाज मौजूद रहीं

anupam

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