बांदा बरौली आजम में ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी ने सरकारी योजनाओं में सेंध लगा किया भ्रष्टाचार
योगेंद्र प्रताप सिंह ब्यूरो चीफ
सूबे की सरकार भले ही आम लोगों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित कर रही है मगर सरकारी अधिकारी व कर्मचारी इन योजनाओं को पलीता लगाने में कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस गोरखधंधे में जहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता उजागर हो रही है वहीं दलाल संस्कृति के हावी होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। बात चाहे शौचालयों के निर्माण की हो या फिर प्रधानमंत्री आवास योजना की, हर योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। ऐसा नहीं है कि इस भ्रष्टाचार की पोल नहीं खुल रही है।
बांदा जनपद के विकासखंड बबेरू के ग्राम पंचायत आजम बरौली से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया जहां ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान ने मिलकर ग्राम के विकास को आए सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को आया करोड़ों रुपए दोनों ने मिलकर ठिकाने लगा दिया है। जिसका खुलासा ग्रामीणों को आरटीआई के माध्यम से हुआ। ग्रामीणों ने वर्तमान ग्राम प्रधान सहित भूत पूर्व ग्राम प्रधान व सचिव की स्थानीय प्रशासन से जांच कर कार्रवाई की मांग की थी। वही ग्रामीणों ने संदेह जताया कि जांच अधिकारी भी उक्त लोगों के प्रभाव में आकर गलत जांच रिपोर्ट लगा सकते हैं जिससे वो भयभीत हैं।
ग्रामीणों के द्वारा जिलाधिकारी बाँदा से ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की शिकायत करने पर जांच लोकपाल मनरेगा को सौंपी थी।लोकपाल मनरेगा ने ग्रामीणो से बताया कि उनके द्वारा जिन विषयों में जांच मांगी गई वह उनके कार्य क्षेत्र से बाहर है।वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने गांव जाकर ग्राम प्रधान के सहयोगियों से पूंछतांछ की किसी भी ग्रामीण व शिकायतकर्ता से पूछताछ नहीं की गई।
बता दें कि ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान जिनकी आपसी वित्तीय सांठगांठ के चलते ये लोग सरकारी योजनाओं में सेंध लगाकर लाखों रुपए का घोटाला करके पलीता लगा रहे हैं।
ग्राम विकास अधिकारी दिनेश यादव और ग्राम प्रधान से मीडिया रिपोर्टर ने सवाल जवाब करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरा फेस करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया और कन्नी काट ली।