रामानंदी बाबा शुर दास गोवर्धन दास जी महाराज की मृत्यु
रामानंदी बाबा शुर दास गोवर्धन दास जी महाराज की मृत्यु

*रामानंदी बाबा शुर दास गोवर्धन दास जी महाराज की मृत्यु ।*
*सुभाष कुमार राम प्रखंड संवाददाता पतरघट सहरसा बिहार*
सहरसा जिला के प्रखंड पतरघट के पंचायत धबौली पूर्वी टोला रहुआ वार्ड नंबर 5 के निवासी सुर दास जी गोवर्धन महाराज जी का उम्र लगभग 80 वर्ष के थे। उनका जन्म लगभग 1944 ईस्वी में हुआ था। दिनांक 04/01/2024 किशनपुर पंचायत के टोला माणिकपुर के आश्रम पर 3 बजे सुबह में मृत्यु हुई। शुरू से ही ब्रह्मचर्य व्यक्ति थे। इसके मरने से संत प्रेमियों एवम समाज को काफी क्षति पहुंचा। संत ने कहा कि
‘देह धरे कर यहि फल भाई। भजिय राम सब काम बिहाई।
सुर दास जी महाराज अपने प्रवचनों में कहा करते थे कि सन्तों का विचार मेरा प्राणधार है। मैं इस विचार में इतना दृढ़ हूँ की मुझे कोई डुला नहीं सकता।
महाराज ने कहा कि ईश्वर एक है और इन्हें पाने का रास्ता भी एक ही है। सत्संग में कहा कि
महाराज ने अंतिम समय में संत कबीर दास महाराज जी का भजन ‘शुकरत कर ले, नाम सुमर ले, को जाने कल की, जगत में खबर पल की
सुर दास महाराज जी ने अनुयायियों को बताया कि बिना गुरु की कृपा पाए जीवन उधार है और संतमत का सारा ज्ञान गुरु में ही निहित है। परमात्मा की ओर जाने का रास्ता सदगुरु ही बताते हैं। महाराज जी ने दो काम करने की सलाह अपने भक्तों दी है। पहला सत्संग और दूसरा सत्यधर्म पर चलना।
भक्तों को सत्संग में कहा कि समय पर आत्ममंथन के लिए सभी को ध्यान करना चाहिए। सत्संग में अनुयायी महाराज की वाणी से मंत्रमुग्ध हो गए। सभी हाथ हिलाकर झूमते दिखे। इस दौरान स्वामी मुखिया प्रतिनिधि बेचन सादा, सचिव राजकुमार यादव, संत बलजीत सादा, शैलेंद्र यादव, अवध सादा, भूपेंद्र सादा, समिति प्रतिनिधि बेचन शर्मा, संत वकील मंडल, अरुण यादव, राजेंद्र दास, कैलाश यादव, सुरेश दास, एवं अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
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