Breakingएक्सक्लूसिवमध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में सियासत की जंग चुनाव हारकर भी जीत गए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव: कांग्रेस को कई सीटों पर हराया उत्तर प्रदेश में बनाएंगे दबाव

मध्य प्रदेश में सियासत की जंग चुनाव हारकर भी जीत गए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव: कांग्रेस को कई सीटों पर हराया उत्तर प्रदेश में बनाएंगे दबाव

Spread the love

*!!.मध्य प्रदेश में सियासत की जंग चुनाव हारकर भी जीत गए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव: कांग्रेस को कई सीटों पर हराया उत्तर प्रदेश में बनाएंगे दबाव.!!*
*पंडित श्याम शर्मा आफिस हेड प्रभारी ✍️*
मध्य प्रदेश में सियासत की जंग, निवाड़ी विधानसभा में भाजपा ने कांग्रेस को 17,157 मतों से हरा दिया। यहां पर सपा को 32,670 वोट मिले हैं। छतरपुर जिले में चंदला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने कांग्रेस को 15,491 मतों से हराया है। यहां भी समाजवादी पार्टी को 24,977 वोट मिले हैं, इसी प्रकार राजनगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने कांग्रेस को 5,867 वोटों से हराया, यहां भी साइकिल को 6,353 वोट मिले हैं।
यह चंद उदाहरण हैं जो यह समझने के लिए काफी हैं कि समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश में भले ही एक भी सीट जीत न पाई हो, लेकिन उसने कांग्रेस को हरा जरूर दिया है। टीकमगढ़ जिले में जतारा भी ऐसी सीट है, जहां कांग्रेस जितने मतों से भाजपा से हारी है, उससे ज्यादा वोट समाजवादी पार्टी को मिले हैं। हार के बावजूद अखिलेश यादव के लिए यह चुनाव परिणाम राहत देने वाले हैं।
*कांग्रेस ने नहीं दिया भाव, कमलनाथ ने हल्के में लिया*
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना पूरा जोर लगाया था। अति आत्मविश्वास के कारण पार्टी ने विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए का भी ख्याल नहीं रखा। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती थी, किंतु पार्टी ने यहां साइकिल को भाव नहीं दिया। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने यहां 74 प्रत्याशी घोषित कर दिए थे। बाद में कुछ जगह पर्चे निरस्त हुए तो 70 प्रत्याशी मैदान में बचे। अखिलेश ने करीब एक हफ्ते से अधिक समय वहां के चुनाव प्रचार में लगाया। उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी यहां कई जगह रोड शो किए। कांग्रेस अति आत्मविश्वास में थी कि सरकार बनाने के बाद वह अखिलेश को मना लेगी, किंतु अब दांव उल्टा पड़ गया है।
*कांग्रेस के मुश्किल बढ़ेगी*
कांग्रेस को मध्य प्रदेश में करारी शिकस्त मिलने के बाद अब उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भी उसके लिए मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं। कांग्रेस के ऐसे प्रदर्शन के बाद अब विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में शामिल पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर वह बहुत प्रभावी मुद्रा में नहीं रह पाएगी। प्रदेश में सीट बंटवारे की स्थिति में कांग्रेस अब मजबूती से दावेदारी भी नहीं कर पाएगी। सपा भी अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में उसके प्रदर्शन का हवाला देते हुए उस पर हावी होती नजर आएगी।
अगर कांग्रेस से गठबंधन न हुआ तो इस बार सपा अमेठी व रायबरेली में भी अपने दमदार प्रत्याशी उतारेगी। अभी तक सपा अमेठी में राहुल गांधी व रायबरेली में सोनिया गांधी के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारती आई है।
*कमलनाथ का अहंकार ले डुवा*
समाजवादियों का कहना है कि कमलनाथ का अहंकार सिर चढ़कर बोल रहा था, उन्होंने अखिलेश यादव का अपमान किया था। रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा है कि जब नशा मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है, कमलनाथ के अमर्यादित बयानों से कांग्रेस हारी है। जब जब दलितों, पिछड़ों और क्षेत्रीय दलों का अपमान होगा, तब-तब कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ेगी।

anupam

Related Articles

Back to top button
आवाज इंडिया लाइव से जुड़ने के लिए संपर्क करें आप हमें फेसबुक टि्वटर व्हाट्सएप पर भी मैसेज कर सकते हैं हमारा व्हाट्सएप नंबर है +91 82997 52099
All Rights Reserved @ 2022. Aawaj india live.com