राष्ट्रीय लोक जनतादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा बिहार के मुखिया नीतीश कुमार पर जमकर बरसे।
राष्ट्रीय लोक जनतादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा बिहार के मुखिया नीतीश कुमार पर जमकर बरसे।

*संवाददाता :-* विकास कुमार सहरसा (बिहार)।
*स्टोरी :-* राष्ट्रीय लोक जनतादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा बिहार के मुखिया नीतीश कुमार पर जमकर बरसे।
*एंकर :-* सहरसा में आज बुधवार 12 जुलाई को राष्ट्रीय लोक जनतादल का कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन कला भवन में आयोजित हुआ।इस कार्यकर्ता सम्मेलन में विलंब से पहुंचे राष्ट्रीय लोक जनतादल के रस्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा।कार्यकर्ता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष, महासचिव,जिला अर्चना सिंह,जिशु सिंह,चंदन बागची सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
कार्यकर्ता सम्मेलन में आये राष्ट्रीय लोक जनतादल के रस्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा बिहार के मुखिया नीतीश कुमार पर जमकर बरसे।उन्होंने कहा कि बिहार की जो स्थिति है उसको माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राम भरोसे छोड़ दिया राम भरोसे छोड़ दिया।हर तरह से बिहार 2005 की पहले वाले स्थिति में लौट गया है।कानून व्यवस्था का मामला हो,हर दिन छोटी छोटी बच्चि के साथ रेप की घटनाएं हो रही है,हत्याएं हो रही है,भरस्टाचार किस तरह से चरम पर है,शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है,स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं है,कोई देखने वाला नहीं है।एक तरह राज्य की ये स्थिति और सत्ता में बैठे हुए लोगों को कोई चिंता नहीं है।राज्य की तो अभी यही स्थिति है।2024 लोकसभा चुनाव को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा लोकसभा चुनाव को लेकर मेरी तैयारी चल रही है।हर जगह संघठन का काम हमारा चल रहा है।
जब मीडिया ने सवाल क्या की बीजेपी ने डिप्टी सीएम तेजश्वी यादव से इस्तीफा मांगा है ।मीडिया के सवाल का जबाब देते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा नैतिकता अगर रहता उनमें तो खुद ही उनको इस्तीफा दे देनी चाहये मांगने की जरूरत नहीं थी।उससे ज्यादा स्व्यंग नीतीश कुमार जी को देखना चाहिए था ।2015 में नीतीश कुमार जी का राजद से जो गठबंधन था जिस विसय को लेकर नीतीश जी ने रिश्ता तोरा था आज फिर से वही विसय है आज नीतीश कुमार चुप है।इसलिए हम बार बार कह रहे हैं नीतीश जी ने भरस्टाचार का मामला हो या और कोई मामला हो रस्ट्रीय जनतादल के सामने पूरे आत्मसमर्पण कर दिया है।नतमस्तक हो गए हैं ऐसी परिस्थिति में क्या उमीद की जा सकती है।
केके पाठक और और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवाद को लेकर भी उन्होंने कहा कि दोनो अपने अपने हिसाब से सनकी मिज़ाज़ के लोग हैं।हम किसी के पक्ष में नहीं हैं।हम तो यह चाहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था ठीक हो।बच्चे की पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था हो।शिक्षकों की समस्या का समाधान हो।लेकिन आपस में ये लोग क्या कर रहे हैं शिक्षा का काम छोड़कर बाद बांकी सब काम कर रहे हैं शिक्षा मंत्री।जो अधिकारी का आप नाम ले रहे हैं वो तो पहले से ही सनकी मिजाज के लोग हैं।दो सनकी मिजाज के लोगों के बीच का विवाद है।
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