सहरसा बिहार केस की री जांच को डीआईजी से गुहार, बिना जांच केस फॉल्स करने का आरोप
केस की री जांच को डीआईजी से गुहार, बिना जांच केस फॉल्स करने का आरोप

रिपोर्ट विकास कुमार
*एंकर :-* सदर थाना क्षेत्र के सहरसा बस्ती निवासी अबु बकर उर्फ मुन्ना पिता करामत अली ने महिषी थाना में दर्ज कराये गये कांड संख्या 215/22 के पर्यवेक्षण रिपोर्ट को पुलिस पदाधिकारी द्वारा असत्य करार दिये जाने पर केस की पुन जांच कराने को लेकर डीआइजी को आवेदन देकर गुहार लगायी है। मामले को लेकर पीड़ित ने बताया कि साल 2020 में राजनपुर निवासी मीर मुनीफ व सीटानाबाद निवासी अख्तर आलम द्वारा राजनपुर वार्ड 12 निवासी मीर रहमान के बेटे मो अपरोज जो आइआइटीयन है से शादी के लिये बताया गया। लड़का को लेकर सुनने पर पसंद आ गया। उक्त दोनों के बातों को सुनकर 31 दिसंबर साल 2020 को उनके बेटी के निकाह को लेकर मीर रहमान के घर 75 हजार का संदेश लेकर गया। इस दौरान सलामी के तौड़ पर लड़के को दो लाख एक हजार रुपये भी दिया। बात तय करने की बात होने लगी। इसके बाद लड़की देखने के लिये लड़का के पिता मो रहमान अपनी पत्नी के साथ मेरे घर सहरसा बस्ती आया। बेटी को देख कर पांच हजार रुपये भी इन लोगों के द्वारा दिया गया। देख कर वापस जाने के बाद बातचीत शुरू हुयी। बाचतीच के दौरान घर नहीं होने का हवाला देकर घर बनाने की बात कही। इस दौरान दो लाख का ईंट व ढलाई के लिये दो लाख रुपया दिया गया। घर बनकर तैयार हो गया। जिसके बाद शादी के लिये एक फार्चुनर गाड़ी और शहर में एक कट्ठा जमीन की मांग कर दी गयी। जिसे देने में हमने असमर्थता जतायी। जिसके बाद साल 2020 से साल 2022 तक शादी को लेकर टाल मटोल किया गया। जिसके बाद शादी नहीं किये जाने पर हमने दिये गये पैसों को वापस किये जाने की मांग की लेकिन उसे भी नहीं लौटाया गया। जिसके बाद हमने महिषी थाना में एक आवेदन देकर मामले में एफआईआर दर्ज करवाया। लेकिन बिना जांच के केस को फॉल्स कर दिया गया। जिसके बाद डीआइजी के पास पहुंच आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी गयी है। ताकि हमें कानूनी प्रकिया से न्याय मिल सके।
*BYTE :-* अबु बकर उर्फ पीड़ित।
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