सुपौल :बिहार में बाहर है। नीतीश बाबू की सरकार है।
रिपोर्ट:-बलराम कुमार सुपौल बिहार।
एंकर:-मामला सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमण्डलोय मुख्यालय अंतर्गत थाना क्षेत्र की है।
बिहार में पूर्णरूप शराबबंदी कानून लागू हुए पांच साल हो गए. 2016 में हीं सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून लागू किया गया था।
बिहार में अपराध और घरेलू हिंसा के मामलों को कम करने के मकसद से सूबे के मुखिया नीतीश कुमार जी, ने राजस्व के भारी नुकसान के बावजूद शराबबंदी कानून लागू करने का फैसला लिया था।
लेकिन आज पांच साल बाद भी शराबबंदी कानून की सफलता पर विवाद जारी है।
पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो शायद ही कोई दिन ऐसा होगा जिस दिन राज्य के किसी जिले में शराब की बरामदगी ना होती हो।
राज्य में शराबबंदी होने के बाद से शराब की अवैध बिक्री का धंधा शुरू हो गया है।
इस धंधे के संचालन के लिए बकायदा चेन बना हुआ है।
इस चेन के सदस्य अलग-अलग लेवल पर काम कर शराबबंदी कानून को धता बता कर लोगों को शराब परोसने में जुटे हुए हैं।
एक बात गौर से सोचने की बात है की शराब कारोबारी जेल जाने के बाद भी शराब बेचेने से बाज नहीं आते हैं।
ऐसा क्यों इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
इधर, ग्रामीण इलाकों में छिप छिप कर देसी शराब बनाने और पिलाने का धंधा जारी है।
इस शराब की वजह से कितने लोगों की जान भी जा चुकी है।
ताजा मामला जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र से आ रही है।
जहां रजिस्ट्रेशन नंबर बीआर-10- GA-9353- टाटा पिकअप में भाड़ी मात्रा में लदी अंग्रेजी शराब पुलिस ने जप्त कर लिया।
जब्त पिकॉप हरिहरपट्टी के मुन्ना हटिया से बरामद किया गया है।
जबकि इस गाड़ी में हिमाचल प्रदेश निर्मित अंग्रेजी शराब रॉयल प्लेयर का 750,एमएल वाला 504, बोतल एवं 375ml वाला 252,बोतल फुल 756, कार्टून सहित पिकअप वैन को जप्त किया है।
वहीं दूसरी ओर हरिहरपट्टी वार्ड नं0-08-स्थित बिनोद मंडल, के घर में पलंग के नीचे छुपा कर रखा-180,ml वाला 1343,बोतल 750ml वाला-516,बोतल -375ml वाला 48,बोतल जप्त किया है।
वही SHO, संदीप कुमार सिंह,ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर दोनों जगह पर छापामारी की गई कुल- 1119.24 लीटर अंग्रेजी शराब जप्त किया गया है।
इस शराब के अवैध कारोबार में संलिप्त वाहन मालिक भागलपुर जिले की मंदरोजा निवासी कन्हैया मिश्रा,व त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र निवासी विनोद मंडल, एवं अन्य अज्ञात सम्मिलित कारोबारी जो बाहर से अवैध शराब लाकर बेचने का कारोबार करते हैं।
उनके विरोध थाना कांड संख्या 202 / 2021 केस दर्ज कर अनुसंधान जारी कर दिया है।
हद तो इस बात की है इन शराब कारोबार में एक भी शराब कारोबारी अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। सुशासन बाबू के लाख दावे करने के बावजूद भी शराबबंदी कानून को लोग ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं।
इसका दोषी कौन है सुशासन बाबू या सुशासन की पुलिस।
आलम यह है की त्रिवेणीगंज थाना प्रभारी कुछ पत्रकार को खबर देना ही नहीं चाहता है इस से आप अंदाजा लगा सकते हैं।