सक्षमता परीक्षा के विरोध में सहरसा के नियोजित शिक्षक मसाल जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन
सक्षमता परीक्षा के विरोध में सहरसा के नियोजित शिक्षक मसाल जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन

*संवाददाता :-* विकास कुमार सहरसा (बिहार)।
*स्टोरी :-* सक्षमता परीक्षा के विरोध में सहरसा के नियोजित शिक्षक मसाल जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन।हजारों शिक्षक और शिक्षिकाएं इस मसाल जुलूस में थे शामिल।
*एंकर :-* बिहार के सहरसा में आज शनिवार को साम में बिहार शिक्षक एकता मंच के राज्यव्यापी आह्वान पर प्राम्भिक,माध्यमिक,उच्चतर माध्यमिक के नियोजित शिक्षकों के द्वारा सक्षमता परीक्षा को लेकर मशाल जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन।इस मशाल जुलूस में हजारों शिक्षक और शिक्षिकाएं मौजूद थे।यह मशाल जुलूस सुपर बाजार से निकलकर डिबिरोड होते हुए शंकर चौक तक गया और वहां जाकर मशाल जुलूस समाप्त हुआ।
वहीं मशाल जुलूस में शामिल नियोजित शिक्षक संघ के रोशन सिंह धोनी की माने तो बिहार सरकार की शिक्षा विरोधी नीति और जिस तरह से सक्षमता परीक्षा लेकर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का काम और हटाने का जो फरमान जारी किया है उसके विरुद्ध बिहार के साढ़े 3 लाख नियोजित शिक्षक अब आर पार की लड़ाई के मूड में है।इसबार नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकेंगे या हमारी बातों को मानना होगा।नीतीश कुमार के विरुद्ध में हमलोग ऐलान कर चुके है 13 तारीख को विधानसभा का घेराव करेंगे।और पूरे बिहार के साढ़े तीन लाख शिक्षक नीतीश कुमार् के तुगलकी फरमान के के पाठक के तुगलकी फरमान के विरुद्ध हमलोग आंदोलन करेंगे विधानसभा का घेराव करेंगे।
वहीं मशाल जुलूस में शामिल नियोजित शिक्षक शैलेश झा की माने तो ये मशाल जुलूस सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध मे निकाले हैं।आज शिक्षक जो प्रताड़ना झेल रहा है उसका जिम्मेवार है नीतीश कुमार और के के पाठक जी हैं।हम पूछते हैं जो शिक्षक जिसका रिटायरमेंट 4 साल बचा हुआ है 5 साल बचा हुआ है वो ट्रांसफर होकर अन्यत्र जिले चले जाएं और उनका सर्विस बुक फिर से बहाल हो ये कहाँ का न्याय है।ये तुगलकी फरमान हमलोगों का नहीं चलेगा।शिक्षकों का एक ही मांग है सो शर्त बिना किसी शर्त का राज्यकर्मी का दर्जा देना होगा।
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