नीतीश कुमार का महिलाओं पर टिप्पणी शर्मनाक और आपत्तिजनक किशोर कुमार।
नीतीश कुमार का महिलाओं पर टिप्पणी शर्मनाक और आपत्तिजनक किशोर कुमार।

*संवाददाता :-* विकास कुमार सहरसा (बिहार)।
*स्टोरी :-* नीतीश कुमार का महिलाओं पर टिप्पणी शर्मनाक और आपत्तिजनक किशोर कुमार।
*एंकर :-* पूर्व विधायक किशोर कुमार ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सदन में दिए बयान पर कहा कि बिहार विधानसभा में कल माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के द्वारा जाति गणना में सरकार की ओर से उत्तर देते हुए महिला पुरुष के दांपत्य जीवन के संबंध में जो टिप्पणी तथा इशारा किया, वह बिहार को शर्मसार करने वाला बेहद घिनौना और लज्जाजनक है। मैं भी उस वक्त विधानसभा के प्रेस गैलरी में मौजूद सुन रहा था जब उन्होंने महिलाओं के बारे में घोर आपत्तिजनक टिप्पणी की। सभी लोग स्तब्ध थे,महिला सदस्य सदन में चेहरा छुपा रही थी।सबसे आश्चर्य तब हुआ जब राजद के मंत्री और विधायक इस शर्मनाक बयान पर हंस रहे थे। हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री जी पुनः विधान परिषद में अपने संबोधन में महिला पुरुष संबंध को लेकर मर्यादा की सभी सीमा को ताड़-ताड़ कर दी ,ढीक उनके पीछे बैठी मंत्री लेसी सिंह टेबुल के नीचे मुँह छुपा ली।
उन्होंने आगे कहा कि लगभग सभी महिला सदस्य विधान परिषद लॉबी में आ गई जहां किन्हीं के आंखों में आंसू थे तो कोई शर्म से लाल लाल हो रही थी,मैं स्वंय वहाँ मोजूद था।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के द्वारा महिला सशक्तिकरण की बड़ी बड़ी बात की जाती थी लेकिन महिलाओं पर इस तरह की टिप्पणी से बिहार ही नहीं देश की महिलाओं की आत्म सम्मान पर आघात हुआ है। मुख्यमंत्री जी के इस आचरण को दुनिया भर ने देखा है।बिहार के छवि दागदार और कलंकित हुआ है।मुख्यमंत्री जी ने आज सदन में माफी माँगा है क्या इससे बिहार की छवि निसकलंकित हो जाएगा ?आज कोई सामान्य सदस्य इस तरह का आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करता तो उसकी सदस्यता को खत्म कर दी जाती।आश्चर्य तो तब भी लगा जब प्रेस को बयान देते उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जी कहा कि मुख्यमंत्री जी ने सेक्स ज्ञान की शिक्षा के बारे में बता रहे थे ,यह बयान लाज को लजाने वाली है।ऐसे में महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए उन पर अगर प्राथमिक दर्ज हो जाता है तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं।आज संवैधानिक पद कितना निःसहाय हो गया है उसका उसका जीता जागता प्रमाण कल दिखा जब मुख्यमंत्री जी अपने लो में सैक्स ज्ञान बता रहे थे तो विधानसभा और विधान परिषद के अध्यक्ष एवं सभापति जी उसे ध्यानपूर्वक सुन रहे थे,उन्होंने रोकना भी मुनासिब नहीं समझा।उन्हें तुरंत उनको रोकना चाहिए और कार्यवाही से आपत्तिजनक बयान को निकालने का आदेश देना चाहिए।आज के जातिवादी राजनीति में बात अब बिलो द बेल्ट होने लगी है।मैं माननीय मुख्यमंत्री से ऐसे आचरण की कल्पना नहीं कर सकता था,जो मर्यादा सुचिता और मानवता के विरुद्ध है।लोकतंत्र लोकलाज से चलता है,ऐसे आचरण से बिहार पुनः बदनाम और शर्मसार हुआ है।
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