
*पानी के लिए हाहाकार किसान मायूस*
(ए०के० त्यागी जिला प्रभारी मधेपुरा)
दिनांक 23/07/2023
किसान का हौसला टूटता जा रहा है।पानी के बिना धान का फसल बर्बाद होने के कगार पर है।पटवन के लिए समुचित संसाधन की कमी किसान के मनोबल को तोड़ दिया है।आकाश को निहारते किसान पानी की आश मे टकटकी लगाए हुए हैं।मानसुन मानो किसान से रूठ कर कोसो दूर जा चुका है।कालेउमड़ते घुमड़ते बादल किसान की आशा को जरूर बढाते है लेकिन ढाक के तीन पात बाली कहानी चरितार्थ हो जाती है।अगर यही स्थित रही तो बिहार को सुखार घोषित को करना ही होगा। किसान द्वारा लगाए गए धान के पौधे अब सूखने लगे है।कोई आशा की किरण दिखाई नही दे रही है।
Subscribe to my channel


