बांदा फर्जी मुकदमा लगा पत्रकारों को भेजा जेल, पत्रकारों का अनशन शुरू
फर्जी मुकदमा लगा पत्रकारों को भेजा जेल, पत्रकारों का अनशन शुरू

योगेंद्र प्रताप सिंह ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में आए दिन कोई न कोई खबर प्रकाश में आती रहती है लेकिन एक ऐसा नया मामला सामने आया है जो अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। आपको बता दे कि हाल ही में दो दिन पहले अवैध खनन की खबर को कवरेज करने गए सात पत्रकारों को पुलिस प्रशासन ने सीधे जेल में ही डाल दिया। इस विसय पर न कोई जानकारी की गई और न ही कोई जांच की गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि पत्रकारों के मामले में पहले उसकी गहन जांच की जाए तत्पश्चात कार्यवाही की जाए लेकिन यहां पर तो जिला प्रशासन ही पत्रकारों का दुश्मन बन गया है तो कौन करेगा पत्रकारों के हितों की रक्षा। इस मामले को लेकर मंगलवार को जब लगभग एक सैकड़ा पत्रकार इकट्ठा होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो डी एम साहब अपनी कुर्सी छोड़कर बाहर नहीं आए और किसी ने पत्रकारों को अंदर भी नही जाने दिया। आखिर बांदा डी एम अनुराग पटेल ने पत्रकारों का ज्ञापन क्यों नही लिया? क्या पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा करके जेल भेजना उचित है? वहीं दूसरी तरफ पत्रकारों ने जिला प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए और बांदा के अशोक लाट परिसर में जाकर अनशन पर बैठ गए। अब देखना यह है कि क्या जिला प्रशासन पत्रकारों की बात सुनेगा या फिर ऐसे ही पत्रकारों का होता रहेगा उत्पीड़न?