बांदा ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से फर्जी मनरेगा मजदूरों का हो रहा भुगतान,पात्र लाभार्थी हो रहे परेशान
ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से फर्जी मनरेगा मजदूरों का हो रहा भुगतान,पात्र लाभार्थी हो रहे परेशान

योगेंद्र प्रताप सिंह ब्यूरो चीफ
बांदा जनपद के नरैनी ग्राम पंचायत के रक्सी गांव में ग्राम प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक की मिलीभगत से मनरेगा योजनाओं में आए सरकारी धन का गबन किया जा रहा है। प्रधान और सचिव द्वारा मनरेगा योजनाओं व प्रधानमंत्री आवास योजना में उन श्रमिकों व लाभार्थियों के खाते में पैसे डाले गए जो की वे अपात्र व जो कभी काम करने गए ही नहीं। सचिव और रोजगार सेवक द्वारा ग्राम पंचायत के सैकड़ों लाभार्थियों व जॉब कार्ड धारकों से जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। गरीब ग्रामीण लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए दर-दर ठोकरे खाने को मजबूर होना पड़ रहा।
ताजा मामला ग्राम पंचायत रक्सी निवासी दिव्यांग विनोद पुत्र देवी दयाल का है जिसने उपजिलाधिकारी नरैनी को अपने दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से बताया कि वह एक गरीब दिव्यांग है उसे प्रधानमंत्री आवास मिला था। आवास की मजदूरी मनरेगा से भुगतान होना था। जो कि आज तक उसे मजदूरी का पैसा नहीं मिला, मजदूरी के संबंध में कई बार वह रोजगार सेवक व सचिव विनय यादव के पास गया लेकिन उसे गुमराह कर उक्त लोग भगा देते थे। जब उसने पता किया तो जानकारी हुई कि उक्त रोजगार सेवक व सचिव ने उसका आवास मजदूरी का रुपया सुशीला पत्नी वासुदेव निवासी रक्सी के खाते में भेज सरकारी धन का आहरण कर बंदरबांट कर लिया। पीड़ित दिव्यांग ने परेशान होकर उपजिलाधिकारी नरैनी से शिकायत कर जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उसे उसका मजदूरी का रुपया वापस दिलवाने की गुहार लगाई।
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