पाकुड़ माहे रमजान के पहले जुम्मा की नमाज़ अदा अमन चैन की मांगी दुआ

पाकुड़ से राजकुमार भगत की रिपोर्ट
रोजे का एहतराम (इज्जत) भी इबादत में शुमार : मिस्बाही
पाकुड़ । माहे रमजान के पहले जुम्मा की नमाज़ जिला मुख्यालय के मस्जिदों के साथ सभी प्रखंडो में शांति पूर्ण माहौल में अदा की गई ।नमाज़ अदा करने को लेकर रोजदारों की भीड़ देखी गयी ।हरिण डंगा जामा मस्जिद के पेश इमाम मुफ़्ती हाफिज जमील अहमद मिस्बाही ने रमजान की फजीलत बयान करते हुए कहा कि रमजान आलमे इस्लाम का सबसे मुबारक महीना है । इस माह में की गयी इबादत का शवाब दूसरे माह में की गयी इबादत से सत्तर गुणा ज्यादा शवाब मिलता है ।रमजान के रोजा रखना मोमिन मर्द व औरत पर फर्ज है ।रोजा को अदब व एहतराम के साथ रखे रोजा का एहतराम करना भी इबादत में शुमार है ।अगर आप किसी कारण से रोजा नही रख पाते है तो ये आप का अमल है। मगर रोजा का एहतराम करे कुछ खाना पीना है तो पर्दे में अपने घरों में खाये पिये ।बाजार में खाना पीना नही है ,इससे बचे ।अल्लाह और उसके रसूल के फरमान पर अमल करें इस्लाम का यही तरीका है ।उन्होंने ने लोगो से अपील की रमजान के रोजा सकून व अदब के साथ रखे ।इबादत क अल्लाह से दुआ है कि मुल्क में अमन चैन कायम करे
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