फिरोजाबाद टूंडला में घर लौटा छात्र बोला, यूक्रेन आर्मी ने की धक्का मुक्की हंगरी सरकार से मिली थी मदद हंगरी से नई दिल्ली तक भारत सरकार लेकर आई


टूंडला। भारतीय तिरंगे को सलाम…फिरोजाबाद जिला प्रशासन का भी बहुत आभार। यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच से निकलकर बुधवार रात्रि घर पहुंचे छात्र ने भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। यूक्रेन आर्मी द्वारा उनके साथ की गई अभद्रता को याद कर वह सिहर उठे। बार्डर पर 48 घंटे तक धक्का—मुक्की के बीच खड़े रहने के बाद घर आने तक की जो खुशी थी, वह छात्र के चेहरे पर साफ दिख रही थी।
नगर के शक्ति नगर निवासी एडीओ पंचायत टूंडला रामशंकर के बेटे आकाश गौतम ने यूक्रेन के हालातों को बयां करते हुए बताया कि वह 15 जनवरी के बाद रसिया के अटैक करने की सूचना मिली थी। हमने सोचा कि बार्डर पर जिस तरीके से आमने—सामने की लड़ाई होती है, उस तरीके से लड़ाई लड़ी जाएगी। अमेरिकन एंबेंसी ने तत्काल अपने छात्रों से यूक्रेन छोड़ने के लिए कह दिया था लेकिन इंडियन एंबेंसी की ओर से कहा गया था कि जो जाना चाहते हैं वह जा सकते हैं। किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। यूनिवर्सिटी जैसे काम कर रही है वैसे ही करती रहेगी। इसलिए हम लोग वहीं रुक गए। 23 की सुबह यूक्रेन के खारकीव में हमला शुरू हो गया था। उड़ीशा के अंदर हवाई हमले किए गए। स्वयं को आइसोलेट कर लिया, इससे पहले 80 हजार रुपए पिता ने खर्च के लिए भेजे थे। उससे खाने—पीने का सामान एकत्रित कर लिया था, जिससे कहीं भागना न पड़े। तहसीलदार डॉ संतराज, लेखपाल शीलेंद्र कुमार ने भी घर पहुंचकर छात्र की कुशलक्षेम ली।
वाइट, तहसीलदार। डॉ संतराज
वाइट आकाश गौतम
अरविंद कुमार श्रीवास्तव रिपोर्ट फिरोजाबाद
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