बाँदा प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर में बच्चों को झाड़ू लगाने के साथ धोने पड़ते बर्तन

योगेन्द्र प्रताप सिंह ब्यूरो चीफ
बांदा जिले के नरैनी विकासखंड अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय व जूनियर विद्यालय में छोटे-छोटे मासूम बच्चों को स्कूल की साफ सफाई के साथ बर्तन धोने पड़ते हैं। यह बर्तन मिड- डे- मील में खाना खाने के लिए घरों से लाए जाते हैं। कहते हैं कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं लेकिन ये भविष्य स्कूल में बर्तन धोने और झाड़ू लगाने को मजबूर कर दिया जाता है। तो जरूर ऐसी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठता है।
ताजा मामला नरैनी विकासखंड के ग्राम पंचायत बहादुरपुर के मजरा नत्थू के पुरवा में स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। जहां स्कूली बच्चे मिड-डे मील खाने के बाद विद्यालय के बाहर हैंडपंप में बर्तन सफाई का कार्य करते नजर आए। गांव के ही अन्य विद्यालय के बच्चों के द्वारा बताया गया कि बर्तन धोने और झाड़ू लगाने का काम कोई और नहीं करता इसीलिए टीचर के कहने पर बच्चों को ही बर्तन धोने का काम करना पड़ता है। शिक्षा विभाग के नियमों के मुताबिक स्कूल में बच्चों से पढ़ाई के अलावा किसी भी तरह का श्रम कराना पूरी तरह अनुचित है।अब देखना होगा कि मामला प्रकाश में आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही अमल में लाई जाती है।
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