फिरोजाबाद : 🌷🌺💐🌹 *सावन तुमने देर लगा दी, मुझ तक चलकर आने में ll

🌷🌺💐🌹 *सावन तुमने देर लगा दी, मुझ तक चलकर आने में ll
इंतज़ार प्रीतम का जैसे, लगा हो प्रीत सजाने में l
आँखें लगी टकटकी जैसे, दूरी अभी मिटाने में l
नेह तुम्हारा कहीं खो गया, दिल का घाव दिखाने में l
तुम आये और मधुबन लाए, खिले फूल वीराने में l
सावन तुमने देर लगा दी, मुझ तक चलकर आने में ll
आँखें सोना भूल गई थी, निशिदिन तुम्हें बुलाने में l
अश्रु अब तक मस्त रहे थे, पलकों को नहलाने में l
हमने अब तक समय गंवाया, अपना तुम्हें बनाने में l
तरुणाई ढल रही निरंतर, आतुर वचन निभाने में l
सावन तुमने देर लगा दी, मुझ तक चलकर आने में ll
मौन तपस्वी साधक बनकर, रत है कर्ज चुकाने में l
रातें कातिल दिवस वीराने, भोर लगी समझने में l
साँझ की दुल्हन लानी है, चाहत जागी दीवाने में l
आतुर चुनरी लाल रंग की, सर से उड़ उड़ जाने में l
सावन तुमने देर लगा दी मुझ तक चलकर आने में,
मेघों ने भी ढोल बजाकर, श्रम किया है तुम्हें बुलाने में l
लगी धान की हरियाली, तुम्हें अपना मंतव्य बताने में l
तपती दोपहरी की तेज तपन, मालन को लगी सताने में l
कभी धूप मनमस्त हुई, धोबन का तन मन हर्षाने में l
सावन तुमने देर लगा दी मुझ तक चलकर आने में,
चूड़ी, कंगन, बिछुआ, बिंदिया, नथनी, पायल पाने में l
पनिहारिन कूएं पर बैठीं, जल भरकर ले जाने में l
डगर मस्त है, पगडंडी भी, भर भर धूल उडाने में l
घटा टेरती, हवा टेरती, कोयल लगी रिझाने में l
सावन तुमने देर लगा दी मुझ तक चलकर आने में,
🌹पंडित श्याम शर्मा मंडल प्रभारी
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