व्रत और त्यौहार में भद्रा काल को लेकर आम जन की समय को लेकर भ्रमित स्थ्ति को पड़ित अवनीश शर्मा ने स्पष्ट किया है
व्रत और त्यौहार में भद्रा काल को लेकर आम जन की समय को लेकर भ्रमित स्थ्ति को पड़ित अवनीश शर्मा ने स्पष्ट किया है
👉 *व्रत और त्यौहार में भद्रा काल को लेकर आम जन की समय को लेकर भ्रमित स्थ्ति को पड़ित अवनीश शर्मा ने स्पष्ट किया है*
👉 *गगोंह सहारनपुर*
गंगोह व्रत और त्यौहार में भद्रा काल को लेकर आम जन की समय को लेकर भ्रमित स्थ्ति को पड़ित अवनीश शर्मा ने स्पष्ट किया है। होलिका दहन पर इस काल की छाया किस समय आएगी, उसकों भी शोध कर शुभ पूजन का सुबह 10 बजें से और होलिका दहन का समय रात्रि 9ः 58 बजें बताया है।
अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वअध्यन और भद्रा काल पर चार वर्ष शोध के परिणाम से अवगत करते हुए उन्होने कहा कि रक्षाबंधन पर्व पर समाज में अजीब तरह की भ्रान्ती असमंजस की स्थित बनी रही जिसका निवरण ज्योतिष ज्ञाता को समय रहते कर देना चाहिए था। अभी फाल्गुनी पूर्णिमा पर भी भद्रा को लेकर फिर आमजान परेशान है। सोशल मीडिया पर आधी अधूरी जानकारी भी भ्रम पैदा करता है। उन्होने स्पष्ट किया कि श्रावणी हो या फाल्गुनी पूर्णिमा तिथि पूरे 60 घटि अर्थात् पूरे 24 घंटे है। धर्म निर्णय सिंधु के 203 व पेज 35 तिथियों का फाल्गुनी तिथि का वर्णन है। उन्होने सांय 6ः46 पर भद्रा प्रारम्भ होना बताया इस समय 3 घंटे 12 मिनट अर्थात् रात्रि 9ः58 पर दहन का समय बताया है। उन्होने अनुभव के आधार पर विश्वास से भरे शब्दों में कहा कि तिथि आरंभ होने 7 घंटे 48 मिनट बाद भद्रा आरंभ काल षास्त्रों में बताया गया है और भद्रा का समय 3 घंटे 12 मिनट निश्चित है। उन्होने यह भी दावा किया कि पूर्णिमा तिथि के प्रारम्भ के भद्रा नही आती। उनके अनुसार फाल्गुनी व श्रावणी पूर्णिमा कर्म, रक्षांबधन, होलिका पूजन तिथि के आरम्भ होने के साथ ही आरम्भ हो जाता है।