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अंतर्जातीय विवाहित महिला दर दर की ठोकर खाने को मजबूर

अंतर्जातीय विवाहित महिला दर दर की ठोकर खाने को मजबूर

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*संवाददाता :-* विकास कुमार सहरसा (बिहार)।

*स्टोरी :-* अंतर्जातीय विवाहित महिला दर दर की ठोकर खाने को मजबूर। डीआईजी को सौपा ज्ञापन।

*एंकर :-* बिहार सरकार के द्वारा अंतर्जातीय विवाह मामले में प्रोत्साहन राशि देकर बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति लोगों के ऊपर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई किए जाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। लेकिन सहरसा कायस्थ टोला निवासी आम्रपाली सिन्हा ने अंतर्जातीय शादी मामले में जाति सूचक अपमान करने के बावजूद न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। ताज्जुब की बात यह है कि थाना पुलिस को आवेदन देने के बावजूद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पीड़ित महिला आम्रपाली तायडे ने बताया कि मैं महाराष्ट्र की अकोला जिला एवं थाना दबकी रोड की रहने वाली हूं। मेरी शादी 9 नवंबर 2019 को मुंबई में रह रहे कायस्थ टोला निवासी सुधीर सिन्हा के पुत्र अमृत सिन्हा से अंतर्जातीय शादी हुई है।शादी होने के बाद 2 वर्षों तक सब कुछ ठीक-ठाक रहा। इस बीच मेरे पति बीमार हो जाने के बाद घर वाले के अनुरोध पर हम लोग सहरसा पहुंचे।साथ ही साथ मेरे पति ने अपने हिस्से की संपत्ति पत्नी के नाम करने के लिए बात की। बस इसी बात को लेकर देवर आशुतोष कुमार, देवरानी रिया कुमारी, सास पूनम सिन्हा एवं ससुर सुधीर कुमार सिन्हा द्वारा मुझे तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाने लगा। वही जाति सूचक शब्दों से भी हमें अपमानित करने लगे।वे लोग छुआछुत व घृणा करते हुए घर के मंदिर में पूजा-पाठ भी नही करने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे साथ उन लोगों ने मारपीट करने तथा सबों के सामने जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर मुझे अपमानित किया गया। साथ ही मेरे देवर ने मेरी लज्जा भंग करने की कोशिश भी की।इस संबंध में थाना को आवेदन दिया गया। परंतु अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ।उन्होंने कहा कि मुझे संपत्ति से बेदखल करने के लिए उन लोगों द्वारा तरह-तरह की झूठे मुकदमे भी दर्ज किया जा रहे हैं। वही वे लोग मेरे घर में लगे सीसीटीवी कैमरा को भी तोड़ दिया गया। इस संबंध में भी थाना में आवेदन देने के बावजूद उन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि महिला थाना,अनुसूचित जाति जनजाति थाना एवं सदर थाना में आवेदन के बावजूद कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। साथ ही न्यायालय के द्वारा किए गए मुकदमा व आदेश के बावजूद अब तक कोई सुनवाई नहीं की गई है। उन्होंने डीआईजी को आवेदन सौंप कर नामित व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

anupam

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