फतेहपुर सीकरी पुरातत्व विभाग की लापरवाही के कारण शौच के लिए जाने को परेशान सैलानी
पुरातत्व विभाग की लापरवाही के कारण शौच के लिए जाने को परेशान सैलानी

*पुरातत्व विभाग की लापरवाही के कारण शौच के लिए जाने को परेशान सैलानी*
*शोपीस बना हुआ है लाखों की लागत से बना शौचालय*
फतेहपुर सीकरी: एक तरफ जहां भारत सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है तो वही विभागीय अधिकारियों की लापरवाही इस पर पलीता फेरती नजर आती है आलम यह है कि फतेहपुर सीकरी स्थित जिन मुगलिया स्मारकों को निहारने के लिए हजारों की संख्या में देसी विदेशी सैलानी सीकरी पहुंचते हैं लेकिन स्मारकों पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण मुंह सकोड़ते नजर आते हैं पुरातत्व विभाग टिकट के रूप में देसी सैलानियों से ₹50 व विदेशी सैलानियों से ₹610 चार्ज करता है लेकिन इसके बदले सैलानियों को सुविधाओं के नाम पर ठेंगा दिखाया जाता है
बताते चलें कि सैलानी व स्थानीय गाइडों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराए जाने की मंशा से शौचालय तो बनाए गए, लेकिन ए एस आई विभाग की लापरवाही की वजह से ये शौचालय बेकाम साबित हो रहे है। जानकारी के अनुसार रानी जोधा बाई के महल की प्रवेश विंडो के पास शौचालय का निर्माण किया गया था। लेकिन कुछ दिनों से पानी-सफाई के अभाव में शौचालय बेकार पड़ा हैं सफाई व पानी के ना होने की वजह से महिला पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं उपयोग में ना आने के कारण लाखों की लागत से बना यह शौचालय बेकाम साबित हो रहा है।
स्थानीय गाइड व सफाई कर्मचारी ने बताया कि विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इसी प्रकार से कई बार काफी काफी दिनों तक शौचालय की यही हालत बनी रहती है फिलहाल में लगभग 10-12 दिन से यही हाल है।
स्थानीय कर्मचारी के अनुसार शौचालय में पानी की व्यवस्था सही नहीं करवाई गई है। पानी की कमी के ही कारण हैंडवॉशा शोपीस बने हुए हैं। इसके बारे में कई बार अधिकारियों को सूचित किया है आरोप है कि अधिकारियों द्वारा जवाब में पानी नहीं है का बोर्ड लिखकर टांगने को कहा जाता है वहीं पानी ना होने के कारण सैलानी व गाइडों को जरूरत होने पर बाहर खुले में या कहीं और जाना पड़ता है।
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