लोकसंगीत संवर्धन हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ
लोकसंगीत संवर्धन हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ

मंडल प्रभारी गंगाप्रसाद करवरिया
लोकसंगीत संवर्धन हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ।
पर्यटन निदेशालय लखनऊ के सौजन्य से बुंदेलखंड लोकसंगीत संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रयास के अंतर्गत भारत जननी परिसर, रानीपुर भट्ट, चित्रकूट में 3 दिवसीय लोक संगीत एवम नृत्य का प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी श्री अनुपम श्रीवास्तव जी ने किया। श्री गजेन्द्र जी ने प्रशिक्षण का उद्देश्य बताते हुए कहा कि अपने बुंदेलखंड की परंपरागत वनवासी संगीत, नृत्य को बढ़ाने के साथ साथ यहां का पारंपरिक व्यंजन, क्षेत्रीय कहावतें आदि को संरक्षित करने का कार्य अपनी प्राथमिकता रहेगी।
पाठा की कोकिला बूटी कोल के द्वारा सावन का गीत एवम कोल्हाई प्रस्तुत की गई। पर्यटन अधिकारी अनुपम जी ने कहा कि सरकार का पुरानी परंपरागत को बचाने एवम बढ़ाने के लिए लगातार कार्य हो रहें है, इस दिशा पर जमीनी स्तर में उन कलाकारों को खोज कर मंच देने का कार्य भी किया जा रहा है।
गोपाल भाई जी ने सभी को पाठा के परंपरागत संगीत, नृत्य के बारे में भी अवगत कराया, सभी कलाकारों को ओर से अनुपम श्रीवास्तव जी को कृतज्ञता पत्र भी सौंपा।
प्रशिक्षण में पाठा से 20 आदिवासी बालिकाएं प्रतिभाग कर रही हैं। प्रशिक्षक के रूप में बूटी कोल, रामकिशोर कोल, किशोर कोल उपस्थित रहे।
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