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फिरोजाबाद : आज का पंचांग* ~ 🌞

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पंडित श्याम शर्मा मंडल

⛅ *दिनांक 04 अगस्त 2021*
⛅ *दिन – बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)*
⛅ *शक संवत – 1943*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – वर्षा*
⛅ *मास – श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – आषाढ़)*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – एकादशी शाम 03:17 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र – मॄगशिरा 05 अगस्त प्रातः 04:25 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
⛅ *योग – व्याघात रात्रि 12:52 तक तत्पश्चात हर्षण*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 12:45 से दोपहर 02:22 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:14*
⛅ *सूर्यास्त – 19:14*
⛅ *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – कामिका एकादशी*
💥 *विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है। एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*

🌷 *कामिका एकादशी* 🌷
➡ *04 अगस्त 2021 बुधवार को कामिका एकादशी है।*
🙏🏻 *कामिका एकादशी ( व्रत व रात्रि – जागरण करनेवाला मनुष्य न तो कभी भयंकर यमराज का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है। व्रत से सम्पूर्ण पृथ्वी के दान के समान फल मिलता है। यह एकादशी सब पातकों को हरनेवाली है तथा इसके स्मरणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। )*

🌷 *प्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 05 अगस्त, गुरुवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं। ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*
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[03/08, 11:03 PM] सविता नंद मिश्र: 🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, ४ अगस्त २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:४८
सूर्यास्त: 🌅 ०७:०३
चन्द्रोदय: 🌝 २६:१८
चन्द्रास्त: 🌜१६:०२
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (राक्षस)
मास 👉 श्रावण
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 एकादशी (१५:१७ तक)
नक्षत्र 👉 मृगशिरा (२८:२५ तक)
योग 👉 व्याघात (२४:५२ तक)
प्रथम करण 👉 बालव (१५:१७ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (२८:१७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 मिथुन (१५:०७ से)
मंगल 🌟 सिंह (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 कर्क (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌
अमृत काल 👉 १८:३८ से २०:२५
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:३७ से २८:२५
विजय मुहूर्त 👉 १४:३८ से १५:३२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५५ से १९:१९
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०२ से २४:४४
राहुकाल 👉 १२:२३ से १४:०४
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:१९ से ०९:००
होमाहुति 👉 राहु (२८:२५ तक)
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम १५:०८ से)
शिववास 👉 कैलाश पर (१५:१७ से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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कामिका एकादशी व्रत (सभी के लिये),
विवाहादि मुहूर्त (पंजाब, कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा) आदि के लिये तुला लग्न प्रातः ११:२४ से दोपहर ०१:४१, मीन लग्न रात्रि ०९:१८ से १०:४५ तक, नीवखुदाई एवं गृहारम्भ मुहूर्त प्रातः ०५:५६ से दोपहर ०१:१२ तक, गृहप्रवेश+भूमि-भवन+वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः १०:४३ से दोपहर १२:३३ तक, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०७:२२ से दोपहर १२:३२ तक, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०५:५५ से ०९:१३ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २८:२५ तक जन्मे शिशुओ का नाम
मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (वे, वो, क, की) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम आर्द्रा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (कु) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क – २८:१७ से ०६:३९
सिंह – ०६:३९ से ०८:५७
कन्या – ०८:५७ से ११:१५
तुला – ११:१५ से १३:३६
वृश्चिक – १३:३६ से १५:५६
धनु – १५:५६ से १७:५९
मकर – १७:५९ से १९:४०
कुम्भ – १९:४० से २१:०६
मीन – २१:०६ से २२:३०
मेष – २२:३० से २४:०३
वृषभ – २४:०३ से २५:५८
मिथुन – २५:५८ से २८:१३
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:३७ से ०६:३९
रज पञ्चक – ०६:३९ से ०८:५७
शुभ मुहूर्त – ०८:५७ से ११:१५
चोर पञ्चक – ११:१५ से १३:३६
शुभ मुहूर्त – १३:३६ से १५:१७
रोग पञ्चक – १५:१७ से १५:५६
शुभ मुहूर्त – १५:५६ से १७:५९
मृत्यु पञ्चक – १७:५९ से १९:४०
अग्नि पञ्चक – १९:४० से २१:०६
शुभ मुहूर्त – २१:०६ से २२:३०
मृत्यु पञ्चक – २२:३० से २४:०३
अग्नि पञ्चक – २४:०३ से २५:५८
शुभ मुहूर्त – २५:५८ से २८:१३
रज पञ्चक – २८:१३ से २८:२५
शुभ मुहूर्त – २८:२५ से २९:३८
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज दिन के आरंभिक भाग में किसी कार्य को करने की जल्दबाजी में नुकसान हो सकता है आज धर्य से सोच विचार कर काम करने पर ही व्यवसाय अथवा अन्य कार्यो से लाभ पाया जा सकेगा। सेहत में दिनभर उतार चढ़ाव लगा रहने से कार्य करने में उत्साह नही दिखाएंगे। आज आपको लाभ के अवसर भी मिलेंगे परन्तु ज्यादा पाने की लालसा के कारण हाथ से निकल सकते है। आज कम से संतोष करें अन्यथा खर्च चलाना भारी पड़ेगा। नौकरी वालो की अधिकारी वर्ग से कहासुनी होगी गुस्से में आकर कोई कदम ना उठाये बाद में पछताना पड़ेगा। परिजन की उम्मीद के विपरीत कार्य करने पर बहस हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन शुभ संयोग बन रहे है प्रातः काल मे कुछ समय के लिये धन अथवा अन्य कारणों से मानसिक बेचैनी रहेगी लेकिन मध्यान तक इनका समाधान होने से शांति मिलेगी। काम-धंधा आज अन्य दिनों की अपेक्षा बेहतर चलेगा प्रतिस्पर्धियों पर विजय पाएंगे। मध्यान के बाद जिस भी कार्य को करेंगे वह थोड़ी बहुत मेहनत के बाद सफल होगा। धन की आमद संध्या तक संतोषजनक हो जाएगी। पारिवारिक वातावरण शांत रहेगा। महिलाये शारीरिक रूप से कमजोरी अनुभव करेंगी फिर भी इससे दैनिक कार्य बाधित नही होंगे। धर्म कर्म में आस्था रहेगी लेकिन आज पूरा समय नही दे पाएंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिये हानिकर रहेगा। आज किसी ना किसी रूप में आपके विचार कार्य उल्टा ही फल देंगे। कार्य व्यवसाय से लाभ की उम्मीद अंत समय मे टूटने से मन नकारात्मक विचारों से भरेगा जल्दबाजी में कुछ अनुचित कदम भी उठा सकते है लेकिन इसका परिणाम निकट भविष्य में धन के साथ सम्मान हानि भी करा सकता है। महिलाये आज कही सुनी बातो पर घर मे कलह करेंगी बाद में स्थिति स्पष्ट होने पर पश्चाताप होगा। आज जल्दी से किसी की बातों में ना आये अन्यथा मानसिक तनाव के साथ संबंधों में दूरी बढेगी। स्वास्थ्य में शिथिलता रहेगी। संध्या बाद स्थिति में सुधार होने लगेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपको कुछ अतिरिक्त कार्य सौपे जाएंगे लापरवाह एवं आलसी स्वभाव के चलते आरम्भ में ये झंझट लगेंगे लेकिन कुछ समय बीतने पर इनमे ही मग्न हो जाएंगे कार्य व्यवसाय में मध्यान तक ही रुचि लेंगे इसके बाद का समय एकांत में बिताना पसंद करेंगे। आज आप एकबार लिए निर्णय से पीछे नही हटेंगे चाहे हानि ही क्यो ना हो घर मे मांगलिक आयोजन होंगे वातावरण आत्मबल देने वाला रहेगा। दिन का कुछ समय पूर्व में किये कार्यो की समीक्षा में बीतेगा इससे संतोष की प्राप्ति होगीं। संध्या बाद मन काल्पनिक दुनिया मे खोया रहेगा। परिवार के सदस्य अपनी अनदेखी से उदास रहेंगे। सेहत कुछ समय के लिये नरम बनेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिए अनुकूल परिस्थिति वाला रहेगा पूर्व में सोची योजनाए सिरे चढ़ने से आय के नए मार्ग विकसित होंगे लेकिन आज आप जो भी योजना बनाएंगे उसके शीघ्र फलित होने में संदेह रहेगा। काम-धंधा लगभग ठीक ही चलेगा लेकिन ज्यादा पाने की चाह के कारण कुछ ना कुछ अभाव अनुभव होगा। सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे दान-पुण्य भी करेंगे लेकिन इनके पीछे दिखावे की भावना भी रहेगी मान-सम्मान मिलने से अहम बढेगा। सहकर्मी अथवा परिजनों की मांग पूरी करने पर धन का व्यय होगा। स्वास्थ्य में कोई नया विकार आएगा सतर्क रहें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपकी आशाओ के विपरीत रहने से मन मे नकारात्मक भाव आएंगे लेकिन आध्यात्म से जुड़ने का लाभ भी किसी ना किसी रूप में अवश्य ही मिलेगा। दिन के आरम्भ से मध्यान तक दिनचार्य अव्यवस्थित रहेगी चाहकर भी अपनी योजनाओं को आगे नही बढ़ा सकेंगे धन संबंधित उलझने हर कार्य मे बाधा डालेगी फिर भी परिश्रम से पीछे ना हटे अन्यथा आपके हिस्से का लाभ कोई अन्य लेजा सकता है। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का उद्दंड व्यवहार क्रोध दिलाएगा धर्य से काम लें वरना अकेले ही काम करना पड़ेगा। गृहस्थ का वातावरण मंगलमय रहेगा आपस मे थोड़ी बहुत टोका-टाकी होगी फिर भी एकता बनी रहेगी। थकान ज्यादा अनुभव होगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपके आध्यात्मिक क्षेत्र में उन्नति के योग बन रहे है। आज परोपकार की भावना भी प्रबल रहेगी अपने कार्य छोड़ अन्य की सहायता करने में तत्पर रहेंगे लेकिन ध्यान रहे किसी से ज्यादा हमदर्दी भी पारिवारिक कलह का कारण बन सकती है। नौकरी वाले लोगो से जल्दबाजी में त्रुटि होने की संभावना है सतर्क रहें अन्यथा अधिकारी वर्ग की नाराजगी देखनी पड़ेगी। आर्थिक रूप से दिन परिश्रम साध्य रहेगा धन लाभ मेहनत के ऊपर निर्भर करेगा आलस्य से बचें। घर का वातावरण वैसे तो शांत रहेगा लेकिन बीच मे आपसी तालमेल की कमी के चलते उग्र हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन मध्यान बाद से आपको आशा के विपरीत फल मिलने लगेगा सेहत भी साथ नही देगी आवश्यक कार्य इससे पहले ही पूर्ण करने का प्रयास करें। व्यवसायी वर्ग एवं नौकरी वाले लोग नया कार्य आरम्भ कर सकते है लेकिन निवेश सोच समझ कर ही करें। सामाजिक क्षेत्र अथवा अन्य दिनचार्य में आज किसी भी प्रकार का जोखिम लेने से बचें अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। मेहनत करने के बाद भी धन की आमद अनिश्चित रहेगी घरेलू खर्च अधिक होने के कारण बजट बिगड़ेगा। मित्र परिचित मीठा बोलकर अपना हित साधेंगे भावुकता से बचें। परिजनों का सहयोग मिलता रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन वृद्धिकारक योग बन रहे है। शारीरिक रूप से चुस्त रहने का लाभ कार्य क्षेत्र पर मिलेगा। जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे उससे कुछ ना कुछ लाभ ही होगा। कार्य क्षेत्र पर आज प्रतिस्पर्धा भी अधिक रहेगी फिर भी आपके लाभ को कोई नही रोक सकेगा। धन की आमद समय पर और आवश्यकता से अधिक ही होगी फिर भी आर्थिक मामलों में आज स्पष्टता रखना आवश्यक है भूल होने अथवा उधारी के कारण विवाद की संभावना है। मित्र रिश्तेदारी में जाने के प्रसंग बनेंगे। परिवार में सुख सुविधा की वृद्धि के विचार बनेंगे निकट भविष्य में इनपर खर्च भी होगा। कुछ समय के लिये वैचारिक मतभेद होंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिये मिला जुला रहेगा। दिनचार्य आज व्यवस्थित रहेगी अधिकांश कार्य समय पर पूर्ण कर लेंगे धन की आमद भी निश्चित समय पर हो जाएगी लेकिन अचानक खर्च आने से हाथ से निकल जाने पर स्वयं को ठगा सा अनुभव करेंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी से आर्थिक विषयो को लेकर बहस होने की सम्भवना है विवेक से काम ले अन्यथा धन डूब भी सकता है। नौकरी वाले लोग अधिकारी वर्ग से किसी बात को लेकर नाराज रहेंगे बेमन से कार्य करने पर विलम्ब होगा काम मे सफाई भी नही रहेगी। परिजन आपसे मतलब का व्यवहार रखेंगे इच्छा पूर्ति के लिए जिद पर अडेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आप अपनी ही गलतियों से लोगो के अपशब्द सुनेंगे फिर भी व्यवहार में बदलाव नही आने से मामला हाथापाई तक पहुच सकता है। वाणी और व्यवहार में नरमी रखना आज अति आवश्यक है अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। आज आपकी जल्दी से किसी से नही बनेंगी घर का शांत वातावरण भी आपके कारण खराब होगा। कार्य क्षेत्र पर धन अथवा अन्य लेन-देन संबंधित मामूली बात पर झगड़ा करने पर उतारू होंगे फलस्वरूप प्रतिष्ठा खराब होगी। आर्थिक रूप से दिन ठीक है फिर भी आपके व्यवहार से कुछ ना कुछ कमी अवश्य आएगी। मौन रहने का प्रयास करें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन धन लाभ वाला है लेकिन सेहत में थोड़ी नरमी रहने से लापरवाहि करेंगे परिणामस्वरूप उचित लाभ से वंचित रह सकते है। स्वभाव में परोपकार की भावना रहेगी लेकिन स्वार्थ सिद्धि भी रहेगी अपने मतलब के काम के लिये ना नही कहेंगे बेकार के कामो में रुचि नही लेंगे। कार्य व्यवसाय में लाभ के कई अवसर मिलेंगे परन्तु जोड़ तोड़ की नीति के चलते सीमित लाभ से संतोष करना पडेगा। संध्या का समय दिन की अपेक्षा बेहतर रहेगा बाहर घूमने के प्रसंग बनेंगे मन हल्का रहेगा परिजन भी आवश्यकता पूर्ति होने पर प्रसन्न रहेंगे। स्वास्थ्य रात्रि के समय प्रतिकूल होगा सतर्क रहें।
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[03/08, 11:14 PM] सविता नंद मिश्र: 💚💖💚💖💚💖💚💖💚 *जब किसी तालाब में मोटी काई लग जाती है तब पानी दिखाई नहीं देता है; किन्तु चारों तरफ हरी-हरी काई दिखाई देती है। हाथ से हटाओ तो वहाँ से हाथ हटाते ही फिर से ढंक लेता है।*

*वही दशा मन की है। मन में दुनिया के प्रंपच, कलह-कल्पना और भ्रम जनित नाना विकारों की काई छाई हुई है। जब सत् संगति हो तब लगता है मन की काई साफ हो गयी है। जैसे ही वहाँ से अलग हुए फिर प्रपंच एवं विकारों काई मन में छा जाती है। बड़ी विकट है यह काई बारंबर हटाओ फिर भी मन पर छा जाती है। बस मन में छाई हुई काई को हटाते रहें, हटाते रहें और दिन-रात निरंतर सावधानी रखें मन में फिर से काई छाने न पाये।*

*संसार में जो मनुष्य जैसा व्यवहार दूसरों के प्रति करता है, दूसरे भी उसी प्रकार का व्यवहार उसके साथ करते है ।* *🥰🌹🙏राधे राधे जी🌹🙏🥰* 💖💚💖💚💖💚💖💚💖
[03/08, 11:14 PM] सविता नंद मिश्र: *एकादशी कब?*
दशमी तिथि समाप्त दिनांक 3-8-2021 दिन मंगलवार दोपहर 1 बजे तत्पश्चात एकादशी तिथि प्रारंभ।
एकादशी तिथि समाप्त दि 4-8-2021 दिन बुधवार अपराह्न 3 बजकर 18 मिनट पर।
एकादशी व्रत ( उपवास ) दिनांक 4-8-2021 को सबका ( *कामदा एकादशी*)
[03/08, 11:14 PM] सविता नंद मिश्र: *Kamika Ekadashi 2021 : कामिका एकादशी व्रत की सही तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और जानें, भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाले उपाय*

सावन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी कामिका एकादशी के नाम से जानी जाती है।
कामिका एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्रह्माणों को भोजन कराने के बराबर फल प्राप्त होता है।
Kamika Ekadashi 2021 : प्रत्येक मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में दो एकादशी तिथियां आती हैं। सावन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी कामिका एकादशी के नाम से जानी जाती है। साल की सभी एकादशियों की तरह इस एकादशी के दिन भी भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि, कामिका एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्रह्माणों को भोजन कराने के बराबर फल प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं सावन मास के कृष्ण पक्ष की कामिका एकादशी व्रत की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में…

कामिका एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त 2021

कामिका एकादशी तारीख और वार

04 अगस्त 2021, दिन बुधवार

एकादशी तिथि प्रारंभ

03 अगस्त दोपहर 12:59 बजे से

एकादशी तिथि समाप्त

04 अगस्त दोपहर 03:17 बजे

एकादशी व्रत पारण का समय

05 अगस्त प्रात:काल 03:45 बजे से प्रात:काल 08:26 बजे तक

कामिका एकादशी की पूजा विधि

एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार, दशमी तिथि की रात्रि में सात्विक आहार ग्रहण कर एकादशी के दिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें। और भगवान विष्णु की पूजा प्रारंभ करें। पूजन करने के लिए भगवान विष्णु को फल, फूल, तिल, दूध, पंचामृत आदि अर्पित करें। और भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करें। एवं भजन-कीर्तन करें। और विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करें। एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी तिथि को ब्राह्मण भोज का बहुत महत्व होता है इसलिए इस दिन ब्राह्मण को भोजन करवाकर और दक्षिणा देकर विदा करें। इसके पश्चात ही भोजन ग्रहण करें।

कामिका एकादशी नियम

कामिका एकादशी व्रत का नियम तीन दिन यानी दशमी, एकादशी और द्वादशी तक होता है।
इन तीनों दिन व्रती को चावल नहीं खाने चाहिए और लहसुन, प्याज और मसूर की दाल का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
दशमी तिथि के दिन एक समय भोजन ग्रहण करना चाहिए और सूर्यास्त के बाद कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
कामिका एकादशी के दिन किसी जरुरतमंद व्यक्ति को अन्न दान करना शुभ रहता है।
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को ही करना चाहिए।
कामिका एकादशी उपाय

कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान करना शुभ रहता है।
इस दिन भगवान विष्णु को पूजा में तुलसी के पत्ते अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती है।
जीवन में धन लाभ के लिए कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा करें।
कामिका एकादशी के दिन श्री सुक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी जी जल्दी ही प्रसन्न होती हैं।
कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी को पान, सुपारी और लौंग अर्पित करने से वे जल्दी ही प्रसन्न होते हैं।
[03/08, 11:14 PM] सविता नंद मिश्र: हमारा मन क्यों भटकता है? :–
हमारा मन हमारी इच्छा के अनुसार भटकता है, हम जब किसी को अच्छा या बुरा मानते है तो हमारी सोच भी वैसे होती जाती है, मन को एकाग्र करना मुश्किल है किंतु ऐसा नहीं है की मन को वश में नहीं किया जा सकता ।

मन को वश मे करने के लिए उचित भोजन आहार व्यवहार , भगवद चिंतन और लोगो के प्रति सद्भावना जरूरी है,
थोड़ा लम्बा समय लग सकता अगर आप इन बातो का ख्याल रखते है तो आपका मन एकाग्र जरूर होगा।
[03/08, 11:14 PM] सविता नंद मिश्र: *⚜️ कैलेण्डर― अगस्त 2021 ⚜️*
🌸🌼🌺🌸🌼🌺🌸🌼🌺🌸🌼

*4 अगस्त -* कामिका एकादशी व्रत
*8 अगस्त -* सावन(श्रावण) अमावस्या
*11 अगस्त -* हरियाली तीज
*12 अगस्त -* श्री वंशीदास बाबाजी तिरोभाव दिवस
*12 अगस्त -* श्री रघुनन्दन ठाकुर तिरोभाव दिवस
*13 अगस्त -* नाग पंचमी
*13 अगस्त -* कल्कि जयंती
*18 अगस्त -* पुत्रदा (पवित्रोपना) एकादशी व्रत
*18 अगस्त -* श्री राधा गोविन्द झूलन यात्रा प्रारम्भ
*19 अगस्त -* श्री गौरीदास पंडित तिरोभाव दिवस
*19 अगस्त -* श्रील रूप गोस्वामी तिरोभाव दिवस
*21 अगस्त -* चातुर्मास के पहले महीने का समापन
*22 अगस्त -* राखी(रक्षाबंधन), सावन(श्रावण) पूर्णिमा
*22 अगस्त -* श्री बलराम जी का आविर्भाव दिवस
*22 अगस्त -* झूलन यात्रा समाप्त
*22 अगस्त -* चातुर्मास के दूसरे महीने का प्रारंभ
*30 अगस्त -* जन्माष्टमी (भगवान श्रीकृष्ण का आविर्भाव दिवस)
*31 अगस्त -* नन्दोत्सव
*31 अगस्त -* अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ, इस्कॉन (ISKCON) के संस्थापकाचार्य कृष्णकृपाश्रीमूर्ती श्री श्रीमद अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद का आविर्भाव दिवस
[03/08, 11:14 PM] सविता नंद मिश्र: 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 04 अगस्त 2021*
⛅ *दिन – बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)*
⛅ *शक संवत – 1943*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – वर्षा*
⛅ *मास – श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – आषाढ़)*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – एकादशी शाम 03:17 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र – मॄगशिरा 05 अगस्त प्रातः 04:25 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
⛅ *योग – व्याघात रात्रि 12:52 तक तत्पश्चात हर्षण*
⛅ *राहुकाल – दोपहर 12:45 से दोपहर 02:22 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:14*
⛅ *सूर्यास्त – 19:14*
⛅ *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – कामिका एकादशी*
💥 *विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *कामिका एकादशी* 🌷
➡ *04 अगस्त 2021 बुधवार को कामिका एकादशी है ।*
🙏🏻 *कामिका एकादशी ( व्रत व रात्रि – जागरण करनेवाला मनुष्य न तो कभी भयंकर यमराज का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है | व्रत से सम्पूर्ण पृथ्वी के दान के समान फल मिलता है | यह एकादशी सब पातकों को हरनेवाली है तथा इसके स्मरणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है | )*
🙏🏻 *स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – जुलाई २०१६ से*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *प्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 05 अगस्त, गुरुवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*

📖 *हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
[03/08, 11:19 PM] सविता नंद मिश्र: हिंदू शास्त्र के नियम
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विचारों में अपवित्रता होना भी किसी पाप से कम नहीं, हिंदू शास्त्र में मनुष्य जीवन से संबंधित एेसी कई बातें बताई गई हैं, जिस से व्यक्ति को बहुत कुछ सीखने को मिलता हैं। इतना ही धर्म शास्त्र में मनुष्य के जन्म से लेकर उसकीे मृत्यु तक के बारे में विस्तार मिलता है। तो आईए जानते हिंदू शास्त्र में बताए एेसे 10 काम जो मनुष्य को गरीबी से कभी मुक्ति नहीं दिला पाते।

कुछ लोग नियमित पूजा-पाठ करते हैं लेकिन वह फिर भी धन के मामले में सदैव दुखी ही रहते हैं। धन का सुख मिलेगा या नहीं, ये बात पुराने कर्मों के साथ ही वर्तमान के कर्मों पर भी निर्भर करती है। यदि दरिद्रता से मुक्ति पानी हो तो शास्त्रों के अनुसार वर्जित किए गए कुछ काम बिलकुल नहीं करने चाहिए। जो लोग इन कामों से बचते हैं, उन्हें महालक्ष्मी के साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो जाती है और जो नहीं करते उनके घर हमेशा गरीबी का वास रहता है।
डॉ0 विजय शंकर मिश्र:

ज्ञान और विद्या का घमंड न करें
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जो लोग अपने ज्ञान और विद्या का घमंड करते हैं, वे लक्ष्मी की स्थाई कृपा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। अपने ज्ञान और विद्या का उपयोग दूसरों को दुख देने में, सिर्फ अपने स्वार्थों को पूरा करने में, दूसरों का अपमान करने में करेंगे तो लंबे समय तक सुखी नहीं रह सकते। भविष्य में सुखी रहने के लिए अपने ज्ञान और विद्या से दूसरों के दूख दूर करने के प्रयास करें।

शास्त्रों का अपमान न करें
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शास्त्रों को पूजनीय और पवित्र माना गया है। इनमें श्रेष्ठ जीवन के लिए महत्वपूर्ण सूत्र बताए गए हैं। जो लोग शास्त्रों की बातों का पालन करते हैं, वे कभी भी दुखी नहीं होते हैं। इसलिए शास्त्रों का अपमान नहीं करना चाहिए, इनका अपमान करना महापाप है। यदि हम शास्त्रों का सम्मान नहीं कर सकते हैं तो अपमान भी नहीं करना चाहिए।

गुरु की बुराई का न करें
🔸🔸🔹🔸🔹🔸🔸
गुरु का महत्व भगवान से भी अधिक बताया गया है। अच्छे गुरु के बिना हम पाप और पुण्य का भेद नहीं समझ सकते हैं। गुरु द्वारा ही भगवान को प्रसन्न करने के सही उपाय बताए जाते हैं। गुरु की शिक्षा का पालन करने पर हम दरिद्रता और दुखों से मुक्त हो सकते हैं। गुरु पूजनीय है, सदैव इनका सम्मान करना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में गुरु का अपमान न करें, अन्यथा दुख कभी दूर नहीं होंगे।
डॉ0 विजय शंकर मिश्र:

बुरा न बोलें
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कभी भी ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए, जिनसे दूसरों को दुख पहुंचे। वाणी से दूसरों को दुख देना भी महापाप है, इससे जितना हो सके बचना चाहिए।

विचारों की पवित्रता बनाए रखें
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विचारों में अपवित्रता यानी बुरा सोचना भी किसी पाप से कम नहीं होता। स्त्री या हो पुरुष, दूसरों के लिए गंदा सोचने पर देवी-देवताओं की प्रसन्नता प्राप्त नहीं की जा सकती है। विचारों की पवित्रता बनाए रखें। इसके लिए गलत साहित्य से दूर रहें और आध्यात्मिक साहित्य पढ़ें, ध्यान करें। इससे विचारों की गंदगी दूर हो सकती है।

दिखावे से बचें
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जिन लोगों की आदत दिखावा करने की होती है, वे भी दुखी रहते हैं। छिप-छिपकर गलत काम करते हैं और दूसरों के सामने खुद को धार्मिक और अच्छा इंसान बताते हैं, वे लोग कभी न कभी बड़ी परेशानियों का सामना करते हैं। धर्म के विरुद्ध आचरण करने पर पाप और दुख बढ़ते हैं।

ज्ञानी होते हुए भी परमात्मा को न मानना
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जो लोग अज्ञानी हैं, वे तो परमात्मा के संबंध में तरह-तरह के वाद-विवाद करेंगे ही, लेकिन जो लोग ज्ञानी हैं, यदि वे परमात्मा को नहीं मानते हैं तो वे जीवन में बहुत ज्यादा दुख भोगते हैं। परमात्मा यानी भगवान की भक्ति से सभी दुख दूर हो सकते हैं।

दूसरों की उन्नति देखकर ईर्ष्या न करें
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काफी लोग दूसरों के सुख को देखकर ही दुखी रहते हैं। कभी भी दूसरों के सुख से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। जो सुख-सुविधाएं हमारे पास हैं, उन्हीं में खुश रहना चाहिए। दूसरों के सुख को देखकर ईर्ष्या करेंगे तो कभी भी सुखी नहीं हो पाएंगे।
डॉ0 विजय शंकर मिश्र:

दूसरों की संपत्ति को हड़पना नहीं चाहिए
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दूसरों की संपत्ति हड़पना, लालच करना भी पाप है। हमें अपनी मेहनत से कमाई गई संपत्ति के अतिरिक्त दूसरों की संपत्ति को देखकर लालच नहीं करना चाहिए। लालच को बुरी बला कहा जाता है। जो लोग लालच करते हैं, वे कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाते हैं और लगातार सोचते रहते हैं, इस कारण मानसिक शांति भी नहीं मिलती है।

मान-सम्मान पाने के लिए दान न करें
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गुप्त दान को श्रेष्ठ दान माना जाता है। गुप्त दान यानी ऐसा दान जो बिना किसी को बताए दिया जाता है। दान देने वाले व्यक्ति की पहचान भी गुप्त रहती है। जो लोग मान-सम्मान पाने के लिए दान करते हैं, दूसरों को दिखा-दिखाकर मदद करते हैं, स्वयं को बड़ा दिखाने के लिए दान करते हैं, वे ऐसे दान से पूर्ण पुण्य प्राप्त नहीं कर पाते हैं!

आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र:
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[03/08, 11:19 PM] सविता नंद मिश्र: ईश्वर का न्याय
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भिक्षा ले कर लौटते हुए एक शिक्षार्थी ने मार्ग में मुर्गे और कबूतर की बातचीत सुनी। कबूतर मुर्गे से बोला- “मेरा भी क्या भाग्य है? भोजन न मिले, तो मैं कंकर खा कर भी पेट भर लेता हूँ। कहीं भी सींक, घास आदि से घोंसला बना कर रह लेता हूँ। माया मोह भी नहीं, बच्चे बड़े होते ही उड़ जाते हैं। पता नहीं ईश्वर ने क्यों हमें इतना कमजोर बनाया है? जिसे देखो वह हमारा शिकार करने पर तुला रहता है। पकड़ कर पिंजरे में कैद कर लेता है। आकाश में रहने को जगह होती तो मैं कभी पृथ्वी पर कभी नहीं आता।”

मुर्गे ने भी जवाब दिया-“ मेरा भी यही दुर्भाग्य है। गंदगी में से भी दाने चुन चुन कर खा लेता हूँ। लोगों को जगाने के लिए रोज सवेरे सवेरे बेनागा बाँग देता हूँ। पता नहीं ईश्वर ने हमें भी क्यों इतना कमजोर बनाया है? जिसे देखो वह हमें, हमारे भाइयों से ही लड़ाता है। कैद कर लेता है। हलाल तक कर देता है। पंख दिये हैं, पर इतनी शक्ति दी होती कि आकाश में उड़ पाता तो मैं भी कभी भी पृथ्वी पर नहीं आता।“
डॉ0 विजय शंकर मिश्र:

शिष्य ने सोचा कि अवश्य ही ईश्वर ने इनके साथ अन्याय किया है। आश्रम में आकर उसने यह घटना अपने गुरु को बताई और पूछा-“ गुरुवर, क्या ईश्वर ने इनके साथ अन्याय नहीं किया है?

ॠषि बोले- “ईश्वर ने पृथ्वी पर मनुष्य को सबसे बुद्धिमान प्राणी बनाया है। उसे गर्व न हो जाये, इसलिये शेष प्राणियों में गुणावगुण दे कर, मनुष्य को उनसे, कुछ न कुछ सीखने का स्वभाव दिया है। वह प्रकृति और प्राणियों में संतुलन रखते हुए, सृष्टि के सौंदर्य को बढ़ाए और प्राणियों का कल्याण करे।

मुर्गे और कबूतर में जो विलक्षणता ईश्वषर ने दी है, वह किसी प्राणी में नहीं दी है। मुर्गे जैसे छोटे प्राणी के सिर पर ईश्वर ने जन्मजात राजमुकुट की भाँति कलगी दी है। इसीलिए उसे ताम्रचूड़ कहते हैं। अपना संसार बनाने के लिए, उसे पंख दिये हैं किन्तु उसने पृथ्वी पर ही रहना पसंद किया। वह आलसी हो गया। इसलिए लम्बी उड़ान भूल गया। वह भी ठीक है, पर भोजन के लिए पूरी पृथ्वी पर उसने गंदगी ही चुनी। गंदगी में व्याप्त जीवाणुओं से वह इतना प्रदूषित हो जाता है कि उसका शीघ्र पतन ही सृष्टि के लिए श्रेयस्कर है। बुराई में से भी अच्छाई को ग्रहण करने की सीख, मनुष्य को मुर्गे से ही मिली है। इसलिए ईश्वर ने उसके साथ कोई अन्याय नहीं किया है।“

”किन्तु ॠषिवर, कबूतर तो बहुत ही निरीह प्राणी है। क्या उसके साथ अन्याय हुआ है?” शिष्य ने पूछा।
डॉ0 विजय शंकर मिश्र:

शिष्य, की शंका का समाधान करते हुए ॠषि बोले-“पक्षियों के लिए ईश्वर ने ऊँचा स्थान खुला आकाश दिया है, फिर भी जो पक्षी पृथ्वी के आकर्षण से बँधा, पृथ्वी पर विचरण पसंद करता है, तो उस पर हर समय खतरा तो मँडरायेगा ही। प्रकृति ने भोजन के लिए अन्न बनाया है, फिर कबूतर को कंकर खाने की कहाँ आवश्यकता है। कबूतर ही है, जिसे आकाश में बहुत ऊँचा व दूर तक उड़ने की सामर्थ्य है। इसीलिये उसे “कपोत” कहा जाता है। वह परिश्रम करे, उड़े, दूर तक जाये और भोजन ढूँढे । “भूख में पत्थर भी अच्छे लगते हैं” कहावत, मनुष्य ने कबूतर से ही सीखी है, किन्तु अकर्मण्य नहीं बने। कंकर खाने की प्रवृत्ति से उसकी बुद्धि कुंद हो जाने से कबूतर डरपोक और अकर्मण्य बन गया। यह सत्य है कि पक्षियों में सबसे सीधा पक्षी कबूतर ही है, किन्तु इतना भी सीधा नहीं होना चाहिए कि अपनी रक्षा के लिए उड़ भी नहीं सके। बिल्ली का सर्वप्रिय भोजन चूहे और कबूतर हैं। चूहा फिर भी अपने प्राण बचाने के लिए पूरी शक्ति से भागने का प्रयास करता है, किंतु कबूतर तो बिल्ली या खतरा देख कर आँख बंद कर लेता है और काल का ग्रास बन जाता है। जो प्राणी अपनी रक्षा स्वयं न कर सके, उसका कोई रक्षक नहीं। कबूतर के पास पंख हैं, फिर भी वह उड़ कर अपनी रक्षा नहीं कर सके, तो यह उसका दोष। ईश्वर ने उसके साथ भी कोई अन्याय नहीं किया है।

आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र:
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[03/08, 11:19 PM] सविता नंद मिश्र: 0️⃣3️⃣❗0️⃣8️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣1️⃣
*ईश्वर और विज्ञान..*
1970 के समय तिरुवनंतपुरम में समुद्र के पास एक बुजुर्ग भगवद्गीता पढ़ रहे थे। तभी एक नास्तिक और होनहार नौजवान उनके पास आकर बैठा, उसने उन पर कटाक्ष किया कि लोग भी कितने मूर्ख है विज्ञान के युग मे गीता जैसी ओल्ड फैशन्ड बुक पढ़ रहे है। उसने उन सज्जन से कहा कि आप यदि यही समय विज्ञान को दे देते तो अब तक देश ना जाने कहाँ पहुँच चुका होता, उन सज्जन ने उस नौजवान से परिचय पूछा तो उसने बताया कि वो कोलकाता से है और विज्ञान की पढ़ाई की है, अब यहाँ भाभा परमाणु अनुसंधान में अपना कैरियर बनाने आया है।
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आगे उसने कहा कि आप भी थोड़ा ध्यान वैज्ञानिक कार्यो में लगाये श्री मद्भागवत गीता पढ़ते रहने से आप कुछ हासिल नही कर सकोगे।
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सज्जन मुस्कुराते हुए जाने के लिये उठे, उनका उठना था कि 4 सुरक्षाकर्मी वहाँ उनके आसपास आ गए, आगे ड्राइवर ने कार लगा दी, जिस पर लाल बत्ती लगी थी। लड़का घबराया और उसने उनसे पूछा “आप कौन है??”
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उन सज्जन ने अपना नाम बताया ‘विक्रम साराभाई’ जिस भाभा परमाणु अनुसंधान में लड़का अपना कैरियर बनाने आया था, उसके अध्यक्ष वही थे।
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उस समय विक्रम साराभाई के नाम पर 13 अनुसंधान केंद्र थे, साथ ही साराभाई को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने परमाणु योजना का अध्यक्ष भी नियुक्त किया था।
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अब पानी-पानी होने की बारी लड़के की थी, वो साराभाई के चरणों मे रोते हुए गिर पड़ा। तब साराभाई ने बहुत अच्छी बात कही, उन्होंने कहा “हर निर्माण के पीछे निर्माणकर्ता अवश्य है। इसलिए अंतर नही पड़ता ये महाभारत है या आज का भारत, ईश्वर को कभी मत भूलो।”
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आज नास्तिक गण विज्ञान का नाम लेकर कितना नाच ले मगर इतिहास गवाह है कि विज्ञान ईश्वर को मानने वाले आस्तिकों ने ही रचा है, फिर चाहे वो किसी भी धर्म को मानने वाले क्यो ना हो। ईश्वर ही सत्य है..!!
*🙏🏿🙏🏼🙏🏽जय जय श्री राधे*🙏🏻🙏🙏🏾
[03/08, 11:19 PM] सविता नंद मिश्र: *||परमात्मा ही राजा है -||*
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*एक गरीब विधवा के पुत्र ने एक बार अपने राजा को देखा। राजा को देख कर उसने अपनी माँ से पूछा- माँ! क्या कभी मैं राजा से बात कर पाऊँगा?*

*माँ हँसी और चुप रह गई। पर वह लड़का तो निश्चय कर चुका था। उन्हीं दिनों गाँव में एक संत आए हुए थे। युवक ने उनके चरणों में अपनी इच्छा रखी।*

*संत ने कहा- अमुक स्थान पर राजा का महल बन रहा है, तुम वहाँ चले जाओ और मजदूरी करो। पर ध्यान रखना, वेतन न लेना। अर्थात् बदले में कुछ माँगना मत। निष्काम रहना।*
*वह लड़का गया। वह मेहनत दोगुनी करता पर वेतन न लेता।*

*एक दिन राजा निरीक्षण करने आया। उसने लड़के की लगन देखी। प्रबंधक से पूछा- यह लड़का कौन है, जो इतनी तन्मयता से काम में लगा है? इसे आज अधिक मजदूरी देना।*

*प्रबंधक ने विनय की:-*
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*महराज! इसका अजीब हाल है, दो महीने से इसी उत्साह से काम कर रहा है। पर हैरानी यह है कि यह मजदूरी नहीं लेता। कहता है मेरे घर का काम है। घर के काम की क्या मजदूरी लेनी? राजा ने उसे बुला कर कहा- बेटा! तुम मजदूरी क्यों नहीं लेते? बता तुम क्या चाहते हो?*

*लड़का राजा के पैरों में गिर पड़ा और बोला- महाराज! आपके दर्शन हो गए, आपकी कृपा दृष्टि मिल गई, मुझे मेरी मजदूरी मिल गई। अब मुझे और कुछ नहीं चाहिए।*

*राजा उसे मंत्री बना कर अपने साथ ले गया और कुछ समय बाद अपनी इकलौती पुत्री का विवाह भी उसके साथ कर दिया। राजा का कोई पुत्र था नहीं, तो कालांतर में उसे ही राज्य भी सौंप दिया।*

*👉परमात्मा ही राजा हैं। हम सभी भगवान के मजदूर हैं। भगवान का भजन करना ही मजदूरी करना है। 👉भक्ति ही राजपुत्री है। मोक्ष ही वह राज्य है। हम भगवान के भजन के बदले में कुछ भी न माँगें तो वे भगवान स्वयं दर्शन देकर, पहले संत बना देते हैं और अपनी भक्ति प्रदान कर, कालांतर में मोक्ष ही दे देते हैं।वह लड़का सकाम कर्म करता, तो मजदूरी ही पाता, निष्काम कर्म किया तो राजा बन बैठा। यही सकाम और निष्काम कर्म के फल में भेद है।*

*तुलसी विलम्ब न कीजिए, निश्चित भजिए राम।*
*जगत मजूरी देत है,क्यों राखे भगवान॥*

*|| जय श्री राम जय हनुमान||*

*||महाकाल भक्त मंडली||*
[03/08, 11:19 PM] सविता नंद मिश्र: अदृश्य निर्गुण ब्रह्म की प्राप्ति के लिए सर्वप्रथम सगुणोपासना द्वारा मन को एकाग्र करने के पश्चात् ही सौरम्भिका-न्याय से निर्गुण ब्रह्म की प्राप्ति सम्भव है ।

वर्षा ऋतु में मरुस्थल में सूर्य की किरणों को मृग जल समझकर प्राप्त करने के लिए दूर तक निकल जाता है ।

किन्तु जैसे-जैसे भागता है , जल आगे-आगे दिखाई देता है ।

अन्त में वर्षा के कारण उसे कहीं-न-कहीं जल अवश्य मिल जाता है , इसी प्रकार साधक भी निराकार-निर्विशेष ब्रह्म को प्राप्त करने के लिए परमात्मा की स्थूल रूप प्रतिमा का पूजन-ध्यान करके अन्त में निर्गुण ब्रह्म को प्राप्त करता है ; जिससे उसका जन्म सफल हो जाता है , इसे “सौरम्भिका-न्याय” कहते हैं ।

सौर माने सूर्य की किरणें , उनमें अम्भ = अध्यस्त जल सौराम्भ है । न्याय का तात्पर्य कथन में है ।

जीव शरीरादि को मैं तथा शरीर से सम्बन्धित गृह-स्त्री-पुत्रादि में ममता करके राग-द्वेष से युक्त होता है , किन्तु उसका यह अहंकार निवृत्त भी हो जाये , तब भी दश इन्द्रियाँ-प्राणादि मैं नहीं हूँ , क्योंकि मैं तो इनका द्रष्टा हूँ ।

पंचकोश , पंचप्राण , तीन अवस्थादियों में ममता करने वाले को व्यवहारिक जीव कहते हैं ।

व्यवहारिक जीव में पंचभूतों के सत्त्वांश से पंच-ज्ञानेन्द्रियां उत्पन्न होती हैं , आकाशादि के सात्त्विक अंश से मन-बुद्धि उत्पन्न हुई — इन सत्रह तत्त्वों वाला सूक्ष्म शरीर है , यह जड़ है ।

जड़ होने पर भी जैसे अग्नि में तपाया हुआ लोहा अग्नि के समान ही लाल तथा जलाने वाला हो जाता है और अग्नि लोहे के रूप को प्राप्त करती है , इसी प्रकार चैतन्य के सम्पर्क से जड़ चैतन्य और चैतन्य जड़-सा हो जाता है ; एक-दूसरे के अध्यास को अन्योऽन्याध्यास कहते हैं — यही जड़-चेतन की गांठ है ।

इनके पारस्परिक अध्यास से साक्षी-चैतन्य से युक्त आनन्दमय-कोश कहलाता है — यह कारण-शरीर है ; यही कर्मों का फल भोगने के लिए सूक्ष्म देह देहान्तर को तथा लोकान्तर में जाता हुआ , जीव सुख-दुःख भोगता है ।

जब तीनों शरीरों में अहंबुद्धि रूपी अध्यास निवृत्त होता है , तब “ये मेरे नहीं है , मैं उनका नहीं हूँ” ऐसा चिन्तन करके सच्चिदानन्द स्वरूप में स्थित होता है । तब इसे साक्षी-आत्मा कहते हैं ।

जब अंतःकरण-चतुष्टय के साथ मिलकर सुखी-दुःखी होता है , तब भोक्ता जीव कहा जाता है , अतः सुख-दुःख में आसक्त होने वाला भोक्ता-जीव तथा द्रष्टा-मात्र साक्षी दो प्रकार से कहा जाता है ।

जैसे सूर्य के रूप में गर्मी , छाया तथा प्रकाश रहता है , वैसे ही एक कर्मों को भुक्ताने वाला ईश्वर , दूसरा भोक्ता जीव , तीसरा शुद्ध निरूपाधिक ब्रह्म ।

जब भेद उत्पन्न करने वाले अज्ञान का नाश हो जाता है , तब भेदबुद्धि मिथ्या हो जाती है ।

चैतन्य एक होने पर भी उपाधि-भेद से तीन प्रकार का प्रतीत होता है , वास्तव में ब्रह्म में एकता है ।

जैसे एक पुरूष छाता लगाता है , तब उसे छत्री पुरुष कहते हैं , जब त्याग देता है तब अछत्री कहलाता है ; तो जैसे उस पुरुष में छाते की उपाधि से भेद है , पुरूष में नहीं , वैसे ही जीव और ईश्वर में अंतःकरण तथा मायाकृत भेद है , किन्तु माया तथा अंतःकरण से रहित विशुद्ध ब्रह्म ही है ।
डॉ0 विजय शंकर मिश्र:

अतः समाधि-साधन-सम्पन्न सगुण ब्रह्म का आश्रय लेकर व्यक्ति निष्काम कर्मोपासना करता है , तब उसका अंतःकरण शुद्ध हो जाता है ; तब परमार्थ का चिन्तन करते हुए निर्गुण ब्रह्म के साथ ऐक्य अनुभव करता है ।

जैसे केले में से कपूर प्राप्त करने के लिए उसके छिलके को अलग उतार देने पर अन्त में केले का सार कपूर प्राप्त होता है , वैसे मुमुक्षु भी पंचकोशों को अपने से भिन्न करके सार रूप आत्मा को प्राप्त करता है ।
[03/08, 11:19 PM] सविता नंद मिश्र: भारतीय ज्ञान का खजाना / ९

भारत का प्राचीन ‘संपन्न’ रसायनशास्त्र
लेखक:- प्रशांत पोळ

पारे की खोज किसने की? इस प्रश्न का निश्चित एवं समाधानकारक उत्तर कोई नहीं देता. पश्चिमी दुनिया को सत्रहवीं शताब्दी तक पारे की पहचान भी नहीं थी. अर्थात मिस्र के पिरामिडों में ईस्वी सन १८०० वर्ष पूर्व पारा रखा जाना पाया गया है.

पारा जहरीला होता है, इस बारे में सभी एकमत हैं. इसीलिए १४० से अधिक देशों ने पारे का समावेश करने वाली भारतीय आयुर्वेदिक औषधियों पर तीन वर्ष पहले प्रतिबंध लगा दिया था, जो आगे चलकर हटा लिया गया.

मजे की बात यह है कि जहरीला माना जाने वाला पारा, ईसा से ढाई हजार वर्षों पहले तक भारतीय ऋषियों एवं चिकित्सकों द्वारा भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जाता रहा. ईसा से पाँच सौ वर्षों पूर्व इसका उपयोग आयुर्वेद में किया जाता था, यहाँ तक कि खाने के माध्यम से ली जाने वाली औषधियों में भी…! अर्थात पश्चिमी दुनिया जिस पारे से तीन सौ वर्ष पहले तक पूर्ण रूप से अनजान थी, ऐसे जहरीले पारे का उपयोग ढाई-तीन हजार वर्षों पूर्व भारत के लोग औषधि के रूप में करते थे, यही अपने-आप में एक बड़ा आश्चर्य है. और इस प्रकार औषधि के रूप में पारे का उपयोग करते समय उसे पूरी तरह से ‘प्रोसेसिंग’ करके काम में लिया जाता था, यह भी बहुत महत्वपूर्ण है.

हिन्दू संस्कृति के अनुसार जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य पर सोलह संस्कार किए जाते हैं, ठीक इसी प्रकार पारे पर भी अठारह प्रकार के संस्कार करने के बाद ही वह औषधि के रूप में सेवन करने योग्य निर्मित होता है. यह अठारह संस्कार निम्नलिखित हैं –

१. स्वेदन २. मर्दन ३. मूर्च्छन ४. उत्थापन ५. पातन
६. रोधन ७. नियामन ८. संदीपन ९. गगनभक्षणमान १०. संचारण
११. गर्भद्रुति १२. बाह्यद्रुति १३. जारण १४. ग्रास १५. सारण
१६. संक्रामण १७. वेध १८. शरीरयोग

वाग्भट्ट आचार्य द्वारा लिखित ‘रस रत्न समुच्चय’ नामक ग्रन्थ में पारे से औधधि का उपयोग करने के बारे में विस्तार से लिखा गया है. सामान्यतः यह ग्रन्थ ईस्वी सन १३०० के आसपास लिखा हुआ माना जाता है. अर्थात जो ज्ञान पहले से ही ज्ञात था, उसे तेरहवीं / चौदहवीं शताब्दी में वाग्भटाचार्य ने शब्दांकित करके, विस्तार से समझाकर हमारे समक्ष रखा है. (ये वाग्भट्ट अलग हैं, पाँचवी शताब्दी में ‘अष्टांग ह्रदय’ नामक आयुर्वेद से परिपूर्ण ग्रन्थ लिखने वाले वाग्भट्ट दूसरे हैं).

इस ग्रन्थ में विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं, विधियों के बारे में विस्तारपूर्वक लिखा गया है. अर्थात आज से लगभग दो – ढाई हजार वर्ष पहले तक भारतीयों को यह ‘रसायनशास्त्र’ बड़े ही विस्तार से मालूम था एवं हमारे पूर्वजों ने व्यवस्थित पद्धति से इस ज्ञान का विकास किया था.

‘रस रत्न समुच्चय’ में दी गई जानकारी के अनुसार दोला यंत्र, पातना यंत्र, स्वेदनी यंत्र, अधःपतन यंत्र, कच्छप यंत्र, जारणा यंत्र, विद्याधर (उर्ध्वपातन) यंत्र, सोमानल यंत्र, बालुका यंत्र, लवण यंत्र, हंसपाक यंत्र, भूधर यंत्र, कोष्टी यंत्र, वलभी यंत्र, तिर्यकपातन यंत्र, पालिका यंत्र, नाभी यंत्र, इष्टिका यंत्र, धूप यंत्र, स्वेदन (कंदुक) यंत्र, तत्पखाल यंत्र… ऐसे अनेक यंत्रों का उपयोग ‘रसशाला’ में किया जाता था. इन तमाम यंत्रों द्वारा पारद (पारे), गंधक इत्यादि पर रासायनिक प्रक्रिया करते हुए औषधियों का निर्माण किया जाता था.

नागार्जुन ने ‘रस रत्नाकर’ ग्रन्थ में सिनाबार नामक खनिज से पारद (पारा) निकालने हेतु उसकी आसवन विधि का विस्तार से उल्लेख किया है. ऐसी ही विधि ‘रस रत्न समुच्चय’ एवं आगे चलकर चरक / सुश्रुत की संहिताओं में भी देखी जा सकती हैं. इसमें आसवन प्रक्रिया के लिए ‘ढेकी’ यंत्र का उपयोग करने के बारे में बताया गया है. मजे की बात यह है कि आज जिस आधुनिक पद्धति से पारे का निर्माण किया जाता है, वह विधि ठीक इसी ग्रन्थ में दी गई विधि के समान है, अंतर केवल इतना है कि साधन आधुनिक हैं, लेकिन प्रक्रिया आज भी वही है….!

यह बहुत ही महत्वपूर्ण है. ईसासे पांच – छह सौ वर्षों पहले हमारे पूर्वजों ने अत्यंत व्यवस्थित, well defined, systematic ऐसी अनेक रासायनिक प्रक्रियाओं का उपयोग करना आरम्भ कर दिया था, जिसका मानकीकरण (standardization) उसी कालखंड में हो चुका था.

आचार्य सर प्रफुल्लचंद्र राय (सन १८६१ से १९४४) को आधुनिक समय का आद्य रसायनशास्त्रज्ञ कहा जाता है. इन्हीं के द्वारा भारत की पहली औषधि निर्माण कम्पनी ‘बेंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल’ की स्थापना की गई थी. अंग्रेजों के श्रेष्ठिवर्ग में भी इनका बहुत सम्मान किया जाता था. इन्हीं प्रफुल्लचंद्र राय ने एक बहुत ही उत्तम पुस्तक लिखी है – ‘हिन्दू केमिस्ट्री’. इस पुस्तक में उन्होंने स्पष्ट रूप से यह तथ्य रेखांकित किया है कि रसायनशास्त्र के निर्माण में हमारे हिन्दू पूर्वज बहुत ही उन्नत थे. इसी पुस्तक में उन्होंने वेदों में लिखे हुए भिन्न-भिन्न रसायनों का उल्लेख, अणु / परमाणु का विस्तृत विवेचन, चरक एवं सुश्रुत ऋषियों द्वारा रसायनों के बारे में किये गए विस्तृत प्रयोगों के बारे में विस्तार से लिखा है. उस कालखंड में उपलब्ध बालों को रंगने की कला से लेकर पारे जैसे घातक रसायन पर किए गए प्रयोगों तक के अनेक सन्दर्भ इस पुस्तक में प्राप्त होते हैं. धातुशास्त्र के बारे में भी इस पुस्तक में उन्होंने लिखा है. १९०४ में लिखी गई इस पुस्तक ने आयुर्वेद एवं प्राचीन भारतीय रसायनशास्त्र की ओर पश्चिमी शोधकर्ताओं के देखने का दृष्टिकोण ही बदलकर रख दिया.

हमारे वेदों में रसायनशास्त्र संबंधी अनेक उल्लेख प्राप्त होते हैं. आयुर्वेद में अश्म्न, मृत्तिका (मिट्टी), सिकता (बालू, रेत), अयस (लोहा अथवा कांसा), श्याम (तांबा), सीस (सीसा) की मदद से किए गए विभिन्न प्रयोगों के उदाहरण मौजूद हैं.

तैत्तिरीय संहिता के भाष्यकार, ‘सायण’ ने श्याम का अर्थ काला लोहा के रूप में किया है. यजुर्वेद के एक मंत्र में अयस्ताप (Iron Smelter) का भी उल्लेख है. लोहे के खनिज को लकड़ी / कोयले की सहायता से कैसे गर्म करके लोहा धातु तैयार की जाती है इसका वर्णन किया गया है. अथर्ववेद में भी सीसा नामक धातु पर ‘दघत्यम सीसम’ नामक एक पूरा सूक्त लिखा गया है. इसके माध्यम से सीसे के बने हुए छर्रे युद्ध में उन दिनों उपयोग किए जाते थे, यह भी ध्वनित होता है.

प्राचीनकाल में यज्ञशाला यही इस देश की मूल रसायनशाला हुआ करती थीं. तैत्तिरीय संहिता में यज्ञशाला / रसायनशाला में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों की सूची दी गई है –

ईष्य – ईंधन
बर्ही – फुँकनी अथवा Straw
वेदी / घिष्ण्य – आग उत्पन्न करने का स्थान, जहाँ से रासायनिक
प्रक्रिया के लिए लगने वाली भट्टियों का निर्माण हुआ.
स्रुक – चमचे
चमस – गिलास / पात्र
ग्रावस – इमाम-दस्ते का लोहे का दस्ता
द्रोण, कलश – रसायन रखने वाले लकड़ी का पात्र
आघवनीय – रसायनों का मिश्रण करने वाले पात्र

यह सूची बहुत ही लंबी-चौड़ी है. परन्तु इससे यह स्पष्ट होता है कि उस वैदिक काल में शास्त्रीय पद्धति से तैयार की गई रसायनशालाएं बड़ी संख्या मौजूद थी, जहाँ कौन सी वस्तुएँ, कौन से बर्तन होने चाहिए यह निश्चित होता था. इसी प्रकार रसायन तैयार करने की प्रक्रिया भी एकदम निश्चित एवं तय रहती थीं.

शतपथ ब्राह्मण, ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद इत्यादि ग्रंथों में विभिन्न रसायनों एवं उनके विविध क्षेत्रों में होने वाले उपयोग संबंधी विवेचन स्पष्ट दिखाई देता है.

जरा विचार कीजिए, कि उस कालखंड में विश्व के किसी भी क्षेत्र में, किसी भी देश में रसायनशास्त्र के सम्बन्ध में सुस्पष्ट, व्यवस्थित एवं सम्पूर्ण प्रक्रिया सहित किया गया विवेचन कहीं दिखाई-सुनाई देता है..? उत्तर नकारात्मक ही है. हालाँकि मिस्र में कुछ-कुछ उल्लेख जरूर प्राप्त होते हैं, तथा चीन में भी चीनियों द्वारा अनेक रसायनों पर उस कालखंड में काम किया गया है. परन्तु इन दो उदाहरणों को छोड़कर अन्य किसी भी देश में रसायनशास्त्र विषय में भारत के समान उन्नत अवस्था दिखाई नहीं देती है.

ग्यारहवीं शताब्दी में चक्रपाणि दत्त ने ‘चक्रदत्त’ नामक ग्रन्थ लिखा है. इस ग्रन्थ में वे प्राचीन जानकारियों को शब्दबद्ध करके सुसूत्र तरीके से हमारे सामने लाते हैं. इस ग्रन्थ में उन्होंने ताम्र-रसायन बनाने की विधि दी हुई है. पारा, तांबा और अभ्रक पर रासायनिक प्रक्रिया करते हुए उस पर गंधक की परत चढ़ाकर ताम्र-रसायन कैसे तैयार किया जाता है, यह विस्तारपूर्वक समझाया गया है. इसी पद्धति से बनाएं जाने वाले ‘शिलाजीत-रसायन’ का भी विवरण दिया गया है.

चक्रपाणि के दो सौ वर्षों पश्चात शारंगधाराचार्य द्वारा लिखी गई, ‘शारंगधर संहिता’ में अनेक रसायन प्रक्रियाओं का उल्लेख किया गया है. हालाँकि उन्होंने प्रारंभ में ही लिख दिया है कि प्राचीन ऋषि-मुनियों ने अपनी-अपनी संहिताओं में जो श्लोक दिए हुए हैं, एवं अनेक शोधकर्ताओं ने जिनके माध्यम से सफलता प्राप्त की है, ऐसे सभी श्लोकों का इसमें संकलन किया गया है. इस संहिता में आसव, काढ़ा इत्यादि बनाने की रासायनिक प्रक्रिया का अत्यंत विस्तारपूर्वक विवरण दिया गया है.

ये, अथवा ऐसे अनेक ग्रंथों में कणाद ऋषि के अणु / परमाणु सिद्धांत का उल्लेख भी किया हुआ दिखाई देता है. कणाद ऋषि ने कहा है कि एक प्रकार के दो परमाणु संयुक्त होकर ‘द्विनूक’ का निर्माण हो सकता है. द्विनूक का अर्थ वही है, जो आधुनिक वैज्ञानिकों ने ‘बाइनरी मॉलिक्यूल’ के रूप में परिभाषित किया है.

प्राचीन भारत में रासायनिक प्रक्रिया के सम्बन्ध में बहुत सी जानकारी थी. इसी पुस्तक में ‘अदृश्य स्याही का रहस्य’ नामक लेख में, भूर्जपत्र को पानी में डालने पर दिखाई देने वाली स्याही का वर्णन किया गया है. इस प्रकार की अदृश्य स्याही का निर्माण करते समय उस प्राचीनकाल में अनेक प्रयोग, अनेक रासायनिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया होगा. वातावरण में मौजूद आर्द्रता, ऑक्सीजन, अनेक अम्लीय / क्षारीय पदार्थों के साथ धातु का संपर्क होने के बाद होने वाली प्रक्रियाओं, एवं उससे विभिन्न धातुओं के संरक्षण के उपाय… ये सारी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ उस समय भी ऋषियों को पता थीं. ‘याज्ञवल्क्य स्मृति’ में धातुओं को शुद्ध करने की प्रक्रिया दी गई है. ‘रसार्णव’ में कहा गया है कि सीसा, लोहा, तांबा, चाँदी एवं स्वर्ण जैसी धातुओं में स्व-संरक्षण की प्रवृत्ति इसी क्रमानुसार कम होती जाती है, और मजे की बात यह कि यह बात आज के आधुनिक रसायनशास्त्र के अनुसार भी सही है.

चूँकि भारतीय लोगों ने कभी अपने संपन्न रसायनशास्त्र की विरासत को आग्रह से दुनिया के सामने नहीं रखा, इसलिए अब कोई भी आता हैं, और रसायनशास्त्र की खोज का दावा करता हैं. मुस्लिम वेब साईट्स से इन दिनों यह प्रचार किया जा रहा हैं की जाबिर बिन हियान यह रसायन शास्त्र के सबसे पहले जनक थे. सन ७३३ में जन्मे व्यक्ति को मुस्लिम जगत, ‘रसायनशास्त्र का पिता’ कह रहा हैं.

यह सच है कि आज आधुनिक कालखंड में रसायनशास्त्र ने अत्यधिक प्रगति की है. परन्तु आज से लगभग दो-ढाई हजार वर्ष पूर्व रसायनशास्त्र के मूलभूत सिद्धातों को प्रतिपादित करते हुए, अत्यंत व्यवस्थित एवं परिपूर्ण तरीके से डॉक्यूमेंटेड सिस्टम भारत में कार्यरत थी, जिसके माध्यम से अनेक क्षेत्रों में रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा अनेक कार्य किए जाते थे. औषधि शास्त्र, खनिज शास्त्र, धातुशास्त्र जैसे अनेक क्षेत्र थे, जिनमें रासायनिक प्रक्रिया अति-आवश्यक थीं. खास बात यह कि सभी महत्वपूर्ण रसायन, जैविक स्रोतों से प्राप्त किए जाते थे. यह प्रक्रिया पूर्णतः प्राकृतिक पद्धति से चलती थीं.

विशेष यह कि हमारे पूर्वजों ने इतनी महान विरासत हमारे लिए रखी हुई है कि आज भी उनमें से अनेक प्रक्रियाओं का सटीक अर्थ निकालना हमारे लिए संभव नहीं हो पाया है. अर्थात यह सिद्ध है कि प्राचीन रसायनशास्त्र का गंभीर अध्ययन किया जाना आज के समय की नितांत आवश्यकता है…!!
– ✍🏻प्रशांत पोळ
[03/08, 11:33 PM] सविता नंद मिश्र: *🕉️🟢 ॐ गं 🟢🕉️*
*🌞पञ्चाङ्ग 4 अगस्त ,2021🌞*
⛅ *दिन _ बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत _ 2078 राक्षस*
⛅ *शाक संवत _ 1943 प्लव*
🌞 *सूर्यायण _ दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु _ वर्षा*
⛅ *मास _ आषाढ़*
🌑 *पक्ष _ कृष्ण*
⛅ *तिथि _ एकादशी दोपहर 03:17 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌟 *नक्षत्र _ मृगशिरा रात्रि 04:24 तक तत्पश्चात आद्रा*
⛅ *योग _ व्याघात रात्रि 12:49 तक तत्पश्चात हर्षण*
⛅ *करण _ बालव दोपहर 03:17 तक तत्पश्चात कौलव*
🌑 *राहुकाल _दोप. 12:29 से दोप. 02:08:48 तक*
🌞 *सूर्योदय _ 05:52*
🌒 *सूर्यास्त _ 07:06*
🌜 *चंद्र राशि _ वृषभ/15:07 मिथुन*
🌞 *सूर्य राशि _ कर्क*
💫 *दिशाशूल _ उत्तर दिशा में*
🦜 *व्रत पर्व विवरण _ कामिका एकादशी व्रत,राजयोग*
🧭 *पं.तपेश अवस्थी📱9549999840*

1️⃣ *बुधवार 🟢के शुभा$शुभ मुहूर्त*
राहू काल 12:29 – 14:08
यम गण्ड 07:31 – 09:10
गुलिक काल 10:50 – 12:29
दूर मुहूर्त 06:46 – 06:48

2️⃣🌞 *दिन का चौघड़िया*
*लाभ 05:52 – 07:31 शुभ*
*अमृत 07:31- 09:11 शुभ*
काल 09:11 – 10:49 अशुभ
*शुभ 10:49 – 12:29 शुभ*
रोग 12:29 – 14:08अशुभ
उद्वेग 14:08- 15:49अशुभ
*चर 15:49- 17:27 शुभ*
*लाभ 17:27 – 19:06 शुभ*

3️⃣🌒 *रात का चौघडिया*
उद्वेग 19:06 – 20:27 अशुभ
*शुभ 20:27 – 21:47शुभ*
*अमृत 21:47- 23:09शुभ*
*चर 23:09- 24:29 शुभ*
रोग 24:29 – 25:48 अशुभ
काल 25:48 – 27:10अशुभ
*लाभ 27:10- 28:31 शुभ*
उद्वेग 28:31 -29:52 अशुभ

4️⃣🌞 *दिन का होरा*
बुध 05:52 – 06:52
चन्द्र 06:52 – 07:52
शनि 07:52 – 08:52
गुरु 08:52 – 09:52
मंगल 09:52 – 10:52
सूर्य 10:52 – 11:52
शुक्र 11:52 – 12:52
बुध 12:52 – 13:52
चन्द्र 13:52 – 14:52
शनि 14:52 – 15:52
गुरु 15:52 – 16:52
मंगल 16:52 – 17:52

5️⃣🌒 *रात का होरा*
सूर्य 17:52 – 18:52
शुक्र 18:52- 19:52
बुध 19:52 – 20:52
चन्द्र 20:52 – 21:52
शनि 21:52 – 22:52
गुरु 22:52 – 23:52
मंगल 23:52 – 24:52
सूर्य 24:52 – 25:52
शुक्र 25:52 – 26:52
बुध 26:52 – 27:52
चन्द्र 27:52 – 28:52
शनि 28:52 – 29:52

🕉️ *माँ पीताम्बरा ज्योतिष केंद्र*🕉️
*ज्योतिष- CUSTOMIZED/ VEDIK #वास्तु(नक़्शे)-वैदिक कर्मकांड*
🔻 *पं.तपेश अवस्थी*🔻
*📱9549999840*
[03/08, 11:33 PM] सविता नंद मिश्र: *࿇ ══━━━━✥ ✠ ❉ ✠ ✥━━━━══ ࿇*
*༺⚜❝ जय श्री हरि ❞⚜༻*
🧾 *_हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 03 अगस्त, दिन मंगलवार को दोपहर 12.59 मिनट से प्रारंभ होकर उसका समापन 4 अगस्त, बुधवार को दोपहर 3.17 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष कामिका एकादशी व्रत 4 अगस्त 2021 को रखा जाएगा।_*

*_कामिका एकादशी के दिन 4 अगस्त 2021, बुधवार को सुबह 05.44 मिनट से अगले दिन 05 अगस्त को सुबह 04.25 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस बार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। अत: कामिका एकादशी व्रत इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा। इस समयावधि में आप व्रत-पूजन और पारण करके एकादशी व्रत का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।_*

🕰️ *_पारण का समय-_*

*_कामिका एकादशी व्रत का पारण 05 अगस्त, गुरुवार के दिन किया जाएगा। व्रत का पारण सुबह 05.45 मिनट से सुबह 08.26 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं। द्वादशी तिथि का समापन शाम को 05.09 मिनट पर होगा।_*

*࿇ ══━━━━✥ ❉ ✥━━━━══ ࿇*
*_9812224501_*
[03/08, 11:33 PM] सविता नंद मिश्र: . *_••• ═•☆”ॐ”☆•═ •••_*
*_★⚊⚊⚊⚊⚊⁕ ❈☬❈ ⁕⚊⚊⚊⚊⚊★_*
. *༺⚜❝ जय श्री हरि ❞⚜༻*
🙏🏻 *_नमस्कार_* 🙏🏻
*_ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए हर दिन शुभ एवं मंगलमय हों।_*

👉🏼 *_04 अगस्त 2021 आज श्रावण कृष्ण पक्ष की उदया तिथि एकादशी और बुधवार का दिन है। एकादशी तिथि आज दोपहर 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। आज पूरा दिन पार कर भोर के समय 4 बजकर 25 मिनट तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी का व्रत करने का विधान है। आचार्य श्री गोपी राम से जानिए कैसा बीतेगा आपका आने वाला दिन, और कैसे आप अपने दिन को और बेहतर बना सकते हैं।_*

🐑 *_मेष राशि आज आपका दिन उत्तम रहेगा। आज कोई ऐसा काम आपके पास आएगा, जिससे आपको धन लाभ हो सकता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति पहले से और बेहतर हो जायेगी। आपके रुके हुए काम किसी रिश्तेदार की मदद से जल्द पूरे हो जायेंगे। कुछ लोग आपसे दोस्ती के लिए हाथ आगे बढ़ा सकते हैं। जीवनसाथी आपकी कोई इच्छा पूरी कर सकता है, जिससे आपको बहुत खुशी महसूस होगी। आपके आसपास के कुछ लोग आपसे मदद मांग सकते हैं। घर-परिवार का वातावरण खुशनुमा बना रहेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।_*

🐂 *_वृष राशि आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। आपका वैवाहिक जीवन उम्दा रहेगा, जीवनसाथी के साथ ज्यादा समय बीतेगा। स्टूडेंट्स की पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी। ऑफिस जाते समय आप कोई जरूरी फाइल भूल सकते हैं। आपको अपने काम के प्रति सचेत रहना चाहिए। कुछ अच्छे मौके आपके हाथ से निकल सकते हैं। किसी से बिना सोचे-समझे बोलने से आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। आपको अपने खर्चो पर भी कुछ कंट्रोल करना चाहिए। कार्यक्षेत्र में सिनियर्स का सहयोग मिलता रहेगा।_*

👨‍❤️‍👨 *_मिथुन राशि आज आपका दिन शानदार रहेगा। किसी जरूरी काम से की गई यात्रा लाभदायक हो सकती है। आपका व्यवहार दूसरों को प्रभावित कर सकता है। आज हर तरह के मामलों में आप शांत मन से विचार करेंगे। भविष्य में होने वाले किसी काम की तैयारी आज से ही शुरू कर सकते हैं। अपनों का साथ मिलने से आप खुश रहेंगे। आपको जीवनसाथी का पूरा साथ मिलेगा। किसी रिश्तेदार से आर्थिक सहायता मिल सकती है। जीवन में लोगों का सहयोग मिलता रहेगा।_*

🦀 *_कर्क राशि आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। किसी निजी काम को पूरा करने के लिए बड़े-बुजुर्ग की राय मानना आपके लिए कारगर साबित होगा। घर में बच्चों की बर्थडे पार्टी का आयोजन करेंगे। घर पर कुछ मेहमान आ सकते हैं, जिससे घर में रौनक बनी रहेगी। काम के प्रति आपकी मेहनत रंग लायेगी। आपको एक्स्ट्रा इनकम के नए मौके मिलेंगे। दोस्तों से मन की बात शेयर करेंगे, इससे परेशानी का हल निकलेगा। परिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। सेहत अच्छी बनी रहेगी।_*

🦁 *_सिंह राशि आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। कोई काम पूरा होने में थोड़ी अड़चन आ सकती है। किसी अनुभवी की मदद आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। समाज के लोग आपके पक्ष में रहेंगे। दोस्तों का भी आपको भरपूर सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य के प्रति आपको थोड़ा जागरूक रहने की जरूरत है। साथ ही किसी भी तरह के पारिवारिक विवाद से आपको बचना चाहिए। अगर आप पार्टनरशिप में कोई कार्य कर रहे हैं, तो आपको धैर्य बनाये रखना चाहिए। आपकी मेहनत रंग लायेगी।_*

👰🏻 *_कन्या राशि आज आपका दिन फेवरेबल रहेगा। कार्यक्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण फैसला लेने से आपको फायदा होगा। किसी अनुभवी की मदद से आपको धन लाभ की प्राप्ति होगी। पहले किए गये कामों से आपको लाभ होगा। साथ ही आपको संतान सुख की प्राप्ति भी होगी। दिन आपके फेवर में होने के कारण आप खुश रहेंगे। छात्रों को आज के दिन पढ़ाई पर ज्यादा धयान देने की जरूरत है। वह पढ़ा हुआ भूल सकते हैं या फिर ध्यान भटक सकता है।_*

⚖️ *_तुला राशि आज आपका दिन शानदार रहेगा। बच्चों के साथ घर पर समय बिताएंगे जिससे आपका मन प्रसन्न रहेगा। परिवार में खुशी का माहौल बना रहेगा। इसके अलावा ऑफिस में सहयोगी आपके काम से काफी प्रभावित होंगे। कुछ लोग आपसे काम सीखने की चाह रखेंगे। आज आपको अपने सभी काम में सफलता मिलेगी। आपके अंदर भरपूर एनर्जी रहेगी। घर में आपको सबका साथ मिलेगा। संतान पक्ष की किसी सफलता से आप बहुत खुश रहेंगे। आपकी सभी समस्याओं का निवारण होगा।_*

🦂 *_वृश्चिक राशि आज आपका दिन पहले की अपेक्षा अच्छा रहेगा। किसी सहकर्मी से जरूरी काम पर रोचक चर्चा हो सकती है। दूसरों की राय आपके लिए कारगर साबित होगी। जीवनसाथी के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे। कारोबार को बढ़ाने के लिए आपको कुछ खास लोगों से मदद मिल सकती है। बड़े भाई-बहन से कोई अच्छा सा गिफ्ट भी मिलेगा। कार्यस्थल पर उच्च अधिकारी आपके काम की तारीफ करेंगे। आपको अचानक धन लाभ के मौके भी मिलेंगे। जीवन में लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।_*

🏹 *_धनु राशि आज आपका दिन सामान्य रहेगा। परिवार के सभी सदस्य आपसे खुश रहेंगे, लेकिन आपकी सेहत में थोड़ा उतार-चढ़ाव बना रहेगा। ऑफिस में किसी टीम मेंबर से थोड़ी बहस हो सकती है, इसलिए गुस्से पर कंट्रोल रखें। आज किसी काम को लेकर आपका नजरिया दूसरों से अलग रहेगा। जीवनसाथी के साथ बात करने से गलतफ़हमी दूर होंगी। इसके अलावा आज दूसरों की बातों में दखल देने से आपको बचना चाहिए। आपको किस्मत का सहयोग मिलेगा। लवमेट्स से उपहार मिलेगा।_*

🐊 *_मकर राशि आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। इस राशि के नौकरी करने वालों के लिए आज का दिन सामान्य रहने वाला है। आज ऑफिस में काम ज्यादा होने की वजह से घर देर से पहुंचेंगे। आज आपकी आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार होगा। किसी दोस्त की समस्या सुलझाने में आप खुद भी उलझ सकते हैं। कार्यों की अधिकता के कारण आपको थकावट महसूस होगी। इसका असर आपकी दिनचर्या पर भी पड़ेगा। परिवार में आर्थिक रूप से आपकी कुछ जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं। आपकी सभी समस्याएं सुलझ जायेगी और आपका दिन बेहतर रहेगा।_*

⚱️ *_कुंभ राशि आज आर्थिक रूप से आपकी प्रगति होना तय है। जीवन में धन लाभ के नये अवसर आयेंगे। रूके हुये काम पूरे होने पर आपको ख़ुशी का अनुभव होगा। सामाजिक कार्यों में आप बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे। घर पर अचानक कुछ रिश्तेदार आ सकते हैं। बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद से जीवन में शांति और सद्भाव बना रहेगा। आपके दाम्पत्य संबंध में नई खुशियों का संचार होगा। सरकारी क्षेत्र में अगर आप अपना करियर बनाने के लिये कदम बढ़ायेंगे, तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी। धन धान्य की वृद्धि होगी है।_*

🐬 *_मीन राशि आज आपका दिन फायदेमंद रहेगा। धन लाभ के नये रास्ते खुले नजर आएंगे। ऑफिस में आज कोई ऐसा काम आपको मिलेगा, जिसके लिए आप बहुत दिनों से उत्सुक थे। इस राशि के विवाहितों के लिए आज का दिन यादगार रहने वाला है। आप फ्यूचर प्लानिंग कर सकते हैं। नौकरी कर रहे लोगों को उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। किसी काम के सिलसिले में यात्रा पर जायेंगे। दोस्तो के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे।_*

*_(Don’t copy my page)_*

✍🏼 *_*नोट_* : *_हमारे द्वारा भेजी गई राशिफल में और आपकी कुंडली व राशि के ग्रहों के आधार पर आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में कुछ भिन्नता हो सकती है। पूरी जानकारी के लिए किसी पंडित जी या ज्योतिषी से मिल सकते हैं।_*

🤷🏻‍♀ *_आज जिन भाई-बहनों का जन्मदिन या शादी की सालगिरह है उन सभी भाई-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएँ_*

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*_सम्पर्क सूत्र :-_*
*_9812224501_*
[03/08, 11:33 PM] सविता नंद मिश्र: . *_⚊⚊⚊⚊✬✥ja sh.hari✥✬⚊⚊⚊⚊_*
*_════════ ✥.❖.✥ ════════_*
🔮 *_धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सभी एकादशी व्रतों में से कामिका एकादशी को भगवान श्रीहरि विष्णु का सबसे उत्तम व्रत माना जाता है, क्योकि यह व्रत भगवान शिव के पवित्र मास श्रावण में आता है। इस दिन श्रीहरि विष्णुजी का पूजन और उपवास करके आप अपने कष्टों से मुक्त हो सकते हैं।_*

*_इस वर्ष 4 अगस्त 2021, बुधवार को कामिका एकादशी मनाई जा रही है। इस दिन व्रत रखा जाएगा और उसी दिन भगवान विष्णु की विधि​पूर्वक पूजा की जाएगी। कामिका एकादशी के दिन तुलसी पत्ते का प्रयोग भी बेहद लाभकारी माना जाता है। अत: एकादशी पूजन में तुलसी का प्रयोग अवश्य करें। इस साल कामिका एकादशी व्रत में सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा।_*

🤷🏻‍♀️ *_महत्व-_*

*₹श्रावण कृष्ण पक्ष में आने वाली इस एकादशी को कामिका एकादशी कहते है। इस एकादशी की कथा एक समय स्वयं ब्रह्माजी ने देवर्षि नारद से कही थी। इसको सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस दिन शंख, चक्र, गदाधारी विष्णु भगवान का पूजन होता है, जिनके नाम श्रीधर, हरि, विष्णु, माधव, मधुसूदन हैं। उनकी पूजा करने से जो फल मिलता है सो सुनो। जो फल गंगा, काशी, नैमिषारण्य और पुष्कर स्नान से मिलता है, वह विष्णु भगवान के पूजन से मिलता है। जो फल सूर्य व चंद्र ग्रहण पर कुरुक्षेत्र और काशी में स्नान करने से, समुद्र, वन सहित पृथ्वी दान करने से, सिंह राशि के बृहस्पति में गोदावरी और गंडकी नदी में स्नान से भी प्राप्त नहीं होता वह भगवान विष्णु के पूजन से मिलता है।_*

*_जो मनुष्य श्रावण में भगवान का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्यमेव करना चाहिए। पापरूपी कीचड़ में फंसे हुए और संसाररूपी समुद्र में डूबे मनुष्यों के लिए इस एकादशी का व्रत और भगवान विष्णु का पूजन अत्यंत आवश्यक है। इससे बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है।_*

*_स्वयं भगवान ने यही कहा है कि कामिका व्रत से जीव कुयोनि को प्राप्त नहीं होता। जो मनुष्य इस एकादशी के दिन भक्तिपूर्वक तुलसी दल भगवान विष्णु को अर्पण करते हैं, वे इस संसार के समस्त पापों से दूर रहते हैं। विष्णु भगवान रत्न, मोती, मणि तथा आभूषण आदि से इतने प्रसन्न नहीं होते जितने तुलसी दल से।_*

*_तुलसी दल पूजन का फल चार भार चांदी और एक भार स्वर्ण के दान के बराबर होता है। हे नारद! मैं स्वयं भगवान की अतिप्रिय तुलसी को सदैव नमस्कार करता हूं। तुलसी के पौधे को सींचने से मनुष्य की सब यातनाएं नष्ट हो जाती हैं। दर्शन मात्र से सब पाप नष्ट हो जाते हैं और स्पर्श से मनुष्य पवित्र हो जाता है। कामिका एकादशी पूजन के मुहूर्त और पारण का समय इस प्रकार रहेगा। अत: एकादशी पूजन में तुलसी का प्रयोग अवश्य करें। कामिका एकादशी पूजन के मुहूर्त और पारण का समय इस प्रकार रहेगा। आइए जानें…_*

⚛️ *_कामिका एकादशी 2021 मुहूर्त-_*

*_हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 03 अगस्त 2021, दिन मंगलवार को दोपहर 12.59 मिनट से प्रारंभ होकर उसका समापन 4 अगस्त, बुधवार को दोपहर 3.17 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष कामिका एकादशी व्रत 4 अगस्त 2021 को रखा जाएगा।_*

*_कामिका एकादशी के दिन 4 अगस्त 2021, बुधवार को सुबह 05.44 मिनट से अगले दिन 05 अगस्त को सुबह 04.25 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस बार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। अत: कामिका एकादशी व्रत इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा। इस समयावधि में आप व्रत-पूजन और पारण करके एकादशी व्रत का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।_*

🕰️ *_पारण का समय-_*

*_कामिका एकादशी व्रत का पारण 05 अगस्त, गुरुवार के दिन किया जाएगा। व्रत का पारण सुबह 05.45 मिनट से सुबह 08.26 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं। द्वादशी तिथि का समापन शाम को 05.09 मिनट पर होगा।_*

🗣️ *_कथा-_*

*_कथा के अनुसार प्राचीन काल में किसी गांव में एक ठाकुर जी थे। क्रोधी ठाकुर का एक ब्राह्मण से झगडा़ हो गया और क्रोध में आकर ठाकुर से ब्राह्मण का खून हो जाता है। अत: अपने अपराध की क्षमा याचना हेतु ब्राह्मण की क्रिया उसने करनी चाही, परंतु पंडितों ने उसे क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया और वह ब्रह्म हत्या का दोषी बन गया। परिणामस्वरूप ब्राह्मणों ने भोजन करने से इंकार कर दिया।_*

*_तब उन्होंने एक मुनि से निवेदन किया कि- हे भगवान, मेरा पाप कैसे दूर हो सकता है, इस पर मुनि ने उसे कामिका एकादशी व्रत करने की प्रेरणा दी। ठाकुर ने वैसा ही किया जैसा मुनि ने उसे करने को कहा था। जब रात्रि में भगवान की मूर्ति के पास वह शयन कर रहा था, तभी उसे स्वप्न में प्रभु दर्शन देते हैं और उसके पापों को दूर करके उसे क्षमा दान देते हैं।_*

*_कामिका एकादशी की रात्रि को दीपदान तथा जागरण के फल का माहात्म्य चित्रगुप्त भी नहीं कह सकते। जो इस एकादशी की रात्रि को भगवान के मंदिर में दीपक जलाते हैं उनके पितर स्वर्गलोक में अमृतपान करते हैं तथा जो घी या तेल का दीपक जलाते हैं, वे सौ करोड़ दीपकों से प्रकाशित होकर सूर्य लोक को जाते हैं।_*

*_ब्रह्माजी कहते हैं कि हे नारद! कामिका एकादशी के व्रत का माहात्म्य श्रद्धा से सुनने और पढ़ने वाला मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक को जाता है। ब्रह्म हत्या तथा भ्रूण हत्या आदि पापों को नष्ट करने वाली इस कामिका एकादशी का व्रत मनुष्य को यत्न के साथ करना चाहिए।_*

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. *””सदा मुस्कुराते रहिये””*
*_⊰᯽⊱┈──╌❊╌──┈⊰᯽⊱_*
*_Astrologer_*
*_Gopi Ram_*
[03/08, 11:33 PM] सविता नंद मिश्र: ╲\╭┓
╭ 🌹 ╯ *_जय श्री हरि_*
┗╯\╲☆ *_●•=======•❥_*
*_✹•⁘••⁘•✹•⁘••⁘•⁘••⁘•✹•⁘••⁘•✹_
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┇ ┇ ┇ ┇ *_करूणा के सागर श्री हरि जी की_*
┇ ┇ ┇ ❁ *_असीम अनुकम्पा आप पर_*
┇ ┇ ✾ *_सदैव बनी रहे_*
┇ ✵
♡ *✹•⁘••⁘•✹•⁘••⁘•⁘••⁘•✹•⁘••⁘•✹*
🧾 *_आज का पंचांग_* 🧾
*_बुधवार 04 अगस्त 2021_*

*_ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।_*

*_मित्रों, आज श्रावण मास के कृष्ण पक्ष कि कामिका नाम का एकादशी व्रत है। आप सभी एकादशी व्रतियों को एकादशी व्रत की हार्दिक शुभकामनायें। शास्त्रानुसार एकादशी सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वाधिक पुण्यदायी व्रत होता है। इसे हर एक व्यक्ति को अवश्य करना चाहिये।_*

*_।। आज का दिन मंगलमय हो ।।_*

🌌 *_दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।_*
*_बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।_*
*_बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।_*
🔮 *_विक्रम संवत् 2078 आनन्द, विक्रम सम्वत संवत्सर तदुपरि खिस्ताब्द आंग्ल वर्ष 2021_*
🔯 *_शक संवत – 1943,_*
☸️ *_कलि संवत 5122_*
☣️ *_अयन – दक्षिणायन_*
🌦️ *_ऋतु – सौर वर्षा ऋतु_*
🌤️ *_मास – श्रावण माह_*
🌖 *_पक्ष – कृष्ण पक्ष,_*
📆 *_तिथि – एकादशी – 15:17 तक ततपश्चात द्वादशी_*
🗞️ *_तिथि के स्वामी – एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी और द्वादशी तिथि के स्वामी विष्णु जी है।_*
💫 *_नक्षत्र – मॄगशिरा – 28:25+ तक आर्द्रा_*
🪐 *_नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- मॄगशिरा नक्षत्र के देवता शशम्रत ( चन्द्रमा ) हैं।_*
📣 *_योग – व्याघात – 24:52+ तक_*
⚡ *_प्रथम करण : – बालव – 15:17 तक_*
✨ *_द्वितीय करण : – कौलव – 28:17+ तक_*
🔥 *_गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।_*
⚜️ *_दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।_*
🤖 *_राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।_*
🌞 *_सूर्योदय – प्रातः 5.37_*
🌅 *_सूर्यास्त – सायं 18.49_*
🌟 *_अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं_*
🌌 *_प्रातः सन्ध्या : 04:41 ए एम, अगस्त 05 से 05:45 ए एम, अगस्त 05_*
🔯 *_विजय मुहूर्त दोपहर 02.41 पीएम से 03.35 पीएम तक_*
🗣️ *_निशिथ काल रात 12.06 एएम से 12.48 एएम तक (5 अगस्त)_*
🐃 *_गोधूलि मुहूर्त संध्या 06.57 पीएम से 07.21 पीएम तक_*
👸🏻 *_ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.19 एएम से 05.01 एएम तक (5 अगस्त)_*
💧 *_अमृत काल संध्या 06:38 पीएम से 08:25 पीएम तक_*
🚓 *_यात्रा शकुन-हरे फल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।_*
👉🏼 *_आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।_*
🤷🏻‍♀️ *_आज का उपाय-किसी विप्र को हरे फल सहित कांस्य पात्र दान करें।_*
🌴 *_वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
⚛️ *_पर्व व त्यौहार – श्री उदय सिंह जयंती, महान गायक श्री किशोर कुमार जयंती, श्रीमती नंदिनी सत्पथी स्मृति दिवस, कामदा एकादशी व्रत_*
✍🏼 *_विशेष – एकादशी तिथि को चावल एवं दाल नहीं खाना चाहिये तथा द्वादशी को मसूर नहीं खाना चाहिये ये इन तिथियों में त्याज्य बताया गया है। एकादशी को चावल न खाने अथवा रोटी खाने से व्रत का आधा फल सहज ही प्राप्त हो जाता है। एकादशी तिथि एक आनन्द प्रदायिनी और शुभ फलदायिनी तिथि मानी जाती है। एकादशी को सूर्योदय से पहले स्नान के जल में आँवला या आँवले का रस डालकर स्नान करना चाहिये। इससे पुण्यों कि वृद्धि, पापों का क्षय एवं भगवान नारायण के कृपा कि प्राप्ति होती है।_*

🗽 *_Vastu tips_* 🏠

*_वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए टूटे या खराब आईने को घर में न रखने के बारे में। घर में आईना लगाना वैसे तो शुभ होता है, लेकिन टूटा या खराब आईना अशुभ फल देने वाला होता है।_*
*_ऐसे आईने को घर में रखने से पॉजिटिव वाइब्रेशन कम होती जाती है और निगेटिव वाइब्रेशन कम हो जाती है क्योंकि टूटे हुए आईने पर पड़ने वाली रोशनी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है जिसका सीधा असर घर के सदस्यों पर पड़ता है।_*
*_आईने को टूटने पर घर के बाहर फेंक देना चाहिए। जब कोई आइना अचानक से टूट जाता है तो इसका मतलब है कि घर पर आई कोई बड़ी मुसीबत इस आइने पर टल गई है इसलिए इसे बाहर फेंक देना चाहिए।_*

🏌🏻‍♀️ *_जीवनोपयोगी कुंजियां_* 🧘🏻‍♀️

*_गर्म पानी पीने के फायदे :_*
*_बारिश के दिनों में वायरल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कई स्वास्थ समस्याएं होने लगती है। इन दिनों में सर्दी-जुकाम की परेशानियां अक्सर देखने को मिलती है। ऐसे में अगर आप हर रोज 3 से 4 बार गुनगुना पानी पीते है तो खांसी और जुकाम की समस्या से दूर होगी।_*
*_गर्म पानी शरीर के लिए काफी_* *_फायदेमंद माना जाता है। गुनगुना पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। रोज सुबह खाली पेट पीने से आपका वजन तेजी से कम होगा।_*
*_बारिश के दिनों में पेट की दिक्कतें ज्यादातर होती है। जिसके कारण कब्ज, एसिडिटी और गैस बनने लगता है। इस मौसम में यदि आप रोज गुनगुना पानी पिएंगे तो कुछ ही दिनों में ये ठीक हो सकता है।_*
*_गुनगुना पानी पीने से शरीर की गंदगी को यूरिन से बाहर निकालने में मदद करता है।_*
*_रोज गरम पानी पीने से शरीर में बल्ड का सर्कुलेशन सही तरीके से हो सकता हैं।_*
*_गुनगुना पानी आपके थकान को दूर करेगा। अगर आपको थकान ज्यादा होता है तो गुनगुने पानी का सेवन करें।_*
*_रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी को सेवन करने से शरीर हाइड्रेट बना रहता है। चेहरे पर फोड़े फुंसी भी नहीं निकलेगा।_*

💉 *_आरोग्य संजीवनी_* 🩸

*_जिस तरह चिया सीड्स का सेवन करके आप अपना वजन कम कर सकते हैं। उसी तरह ब्रेकफास्ट में इसका सेवन करके आप ब्लड शगर लेवल को नॉर्मल रख सकते हैं। इसमें अधिक मात्रा में फाइबर के साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। चिया सीड्स का सेवन आप पूडिंग के रूप में कर सकते हैं। इसके लिए रात को एक जार में एक गिलास बादाम के दूध में 1 चम्मच चिया सीड्स डालकर मिला लें। इसके बाद इसे फ्रिज में रख दें और फिर सुबह नाश्ता में सेवन करे।_*
*_ओटमील पोषक तत्वों से भरपूर ओट्स का सेवन आप विभिन्न तरह से कर सकते हैं। इसमें हाई फाइबर के साथ अधिक कार्ब पाया जाता है जो लो ब्लड शुगर के मरीजों के लिए काफी कारगर है।_*
*_मल्टीग्रेन इडली बाजारा, ओट्स, मेथी दाना, गेंहू जैसे सब्जियों के साथ बनी मल्टीग्रेन इडली सेहत के साथ-साथ डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है।_*
*_अंकुरित अनाज सुबह-सुबह नाश्ता में अंकुरित अनाज खाना अच्छा माना जाता है। इसमें आप गेंहू, मूंग की दाल, चना आदि को अंकुरित कर लें। इसके बाद में आप सुबह-सुबह खाएं। आप चाहे तो इसमें प्याज, टमाटर, खीरा आदि डाल सकते हैं।_*

🌹 *_गुरु भक्ति योग_* 🌸

*_आचार्य श्री गोपी राम की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। हमारे इन्हीं विचारों में से आज हम

anupam

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