माध्यमिक संस्कृत विद्यालय चैनपुर में गीता जयंती पर प्रश्नोतरी कार्यक्रम आयोजित
माध्यमिक संस्कृत विद्यालय चैनपुर में गीता जयंती पर प्रश्नोतरी कार्यक्रम आयोजित

माध्यमिक संस्कृत विद्यालय चैनपुर में गीता जयंती पर प्रश्नोतरी कार्यक्रम आयोजित
पवित्र ग्रंथ गीता जीवन जीने का आधार है, जो मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है: सुन्दर कान्त ठाकुर
गीता धर्मग्रंथ ही नहीं अपितु जीवन का दर्शन-ग्रंथ भी है: उमेश कुमार झा
सहरसा विकास कुमार
श्री भागीरथ प्राथमिक सह माध्यमिक संस्कृत विद्यालय, चैनपुर में गीता जगन्ती के अवसर पर विद्यालय में छात्र-छात्राओं के बीच सोमवार को विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसके अंतर्गत गीता प्रतियोगिता, गीता श्लोक का व्याख्या, गीता का जीवन पर प्रभाव, छात्र भाषण तथा गीता आधारित प्रश्नोतरी का कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम में विद्यालय सचिव सुन्दरकान्त ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस मौके पर सचिव सुन्दर कान्त ठाकुर एवं प्रधानाध्यापक उमेश कुमार झा के द्वारा गीता के महत्व का प्रतिपादन किया गया तथा छात्रों से अनुरोध किया गया कि गीता के दर्शन को अपने जीवन में अपनाया जाए।उन्होने कहा कि हर साल मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है। जब भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। यह पवित्र ग्रंथ जीवन जीने का आधार है, जो मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है और विषम परिस्थितियों में मार्गदर्शन करता है। गीता कर्म करने, क्रोध से बचने, श्रेष्ठ आचरण करने और इंद्रियों पर संयम रखकर ज्ञान व शांति प्राप्त करने का उपदेश देती है।प्रधानाध्यापक उमेश कुमार झा ने कहा कि विश्व में सर्वाधिक भाषा में अनुवादित धर्मग्रंथ गीता है जो यह प्रमाणित करता है कि गीता धर्मग्रंथ ही नहीं अपितु जीवन दर्शन-ग्रंथ भी है।इस शास्त्र को पढ़ने से व्यक्ति को मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है। गीता के ये श्लोक जीवन जीने की नई राह दिखाते हैं।भगवान श्रीकृष्ण पवित्र ग्रंथ गीता के दूसरे अध्याय मे अपने परम शिष्य अर्जुन से कहते हैं-हे कौंतेय! तुम कर्म करने के भागी हो, इसके लिए तुम्हें केवल कर्म करना चाहिए। फल की चिंता के बिना तुम हमेशा कर्म करो। श्रम के अनुरूप तुम्हें अवश्य ही फल मिलेगा। इसके लिए व्यक्ति विशेष को अपने जीवन में कर्मशील रहना चाहिए।तत्पश्चात विद्यालय के उपस्थित सभी शिक्षक गीता के महत्व पर व्याख्यान किए। छात्रों के द्वारा सस्वर गीता पाठ किया गया।विद्यालय सचिव के द्वारा गीता प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। मौके पर विद्यालय परिवार के आचार्य शारदाकान्त झा, सहायक शिक्षक रंजीत कुमार झा, आचार्य गौतम कुमार पाठक, रीतेश कुमार ठाकुर,
मृत्युंजय कुमार झा, लिपिक विजय कुमार मिश्र, आदेशपाल सुनील कामत, रुबी देवी, रंजू देवी, मोहन ठाकुर, प्रवीण झा, शंभू ठाकुर, अरुण झा, विमलकान्त झा, रविन्द्र झा तथा अन्य सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे।
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