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एम्स निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आया निर्देश

एम्स निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आया निर्देश

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*संवाददाता :-* विकास कुमार सहरसा (बिहार)।

*स्टोरी :-* एम्स निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आया निर्देश। सहरसा और दरभंगा में स्थल जांच कर मांगी रिपोर्ट। एम्स निर्माण संघर्ष समिति के लोगों में जगी उमीद।

*एंकर :-* बिहार के सहरसा में एम्स निर्माण को लेकर एम्स संघर्ष समिति के द्वारा तकरीबन 8 वर्षों से आंदोलन किया जा रहा है।सहरसा में एम्स को लेकर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 217.74 डिसमिल एकड़ जमीन उपलब्ध था और 2015 ईस्वी में ही राज्य सरकार को पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी के द्वारा रिपोर्ट भेज दी गयी थी।उसके बावजूद दरभंगा में एम्स निर्माण की घोषणा सरकार द्वारा कर दी गयी और जमीन भी उपलब्ध करवा दी गयी।जिसको लेकर कोशी विकास संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एम्स निर्माण संघर्ष समिति के अध्य्क्ष बिनोद झा और संरक्षक पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रवीण आनन्द ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर करवाया था।उसके बाद माननीय न्यायालय के द्वारा कहा गया ये सेंट्रल पॉलिसी डिसीजन को हम छेड़ छाड़ नहीं कर सकते है आपलोग सुप्रीम कोर्ट जाइये।उसके बाद एम्स संघर्ष समिति के सदस्यों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी )दायर किया गया।
वहीं इस मामले को लेकर आज शनिवार को एम्स निर्माण संघर्ष समिति के संरक्षक प्रवीण आनन्द प्रेस वार्ता कर बताया कि 2015-2016 के आम बजट में पूरे देश को 6 एम्स मिला 5 बनकर तैयार है लाखों लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।एक बिहार ही बचा हुआ है जो लेकिन परन्तु झूठ फुट की लड़ाई में फंसा हुआ है।दरभंगा में जमीन उपलब्ध नहीं है जो जमीन खारिज है उसपर जिच किये हुए हैं मुख्यमंत्री नीतिश कुमार जी दरभंगा में ही बनेगा ।जब सहरसा से आप जमीन मांगा सहरसा से 2017 में ही नगर निगम क्षेत्र का 218 एकड़ जमीन का रिपोर्ट भेजवा दिया गया था।जब सहरसा का नाम था तो आप सहरसा पर विचार नहीं किया।आप दरभंगा पर जिच किये हुए है और उसीमें 8 साल लग गया लंबा समय चला गया।उसके बाद हमलोग देख लिए की बिहार सरकार से न्याय नहीं मिलने वाला है तो हमलोग हाई कोर्ट चले गए।हाई कोर्ट में हमलोगों का केस सुना गया और माननीय न्यायालय के द्वारा कहा गया कि ये सेंट्रल पॉलिसी का मामला है आपलोग सुप्रीम कोर्ट जाइये।
हमलोग सुप्रीम कोर्ट चले गए सुप्रीम कोर्ट पर हमलोगों को विश्वास है और न्याय की उमीद है।उसके बाद हमलोग सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किये।सुप्रीम कोर्ट में एक्सेप्ट भी हुआ।एक्सेप्ट होने के बाद माननीय न्यायालय के द्वारा भारत सरकार और बिहार सरकार को नोटिस किया गया जो एक मार्च तक जबाब दीजिये जो आप आखिर क्यों लटकाए हुए है।जब सहरसा से आप जमीन मांगा और सहरसा आपको जमीन दिया तो आप सहरसा के बारे में क्यों नहीं सोच रहे है।सुप्रीम कोर्ट का स्पस्ट आदेश है जो सूटेबल साईट कौन सा है दरभंगा है या सहरसा है।ये रिपोर्ट बनाकर के आप 1 मार्च 2024 तक जमा कीजिये।हमलोगों को विश्वास है सुप्रीम कोर्ट से जरूर न्याय मिलेगा।

 

anupam

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