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इटावा बिना ट्रैवलिंग एजेंसी रजिस्टर्ड धड़ल्ले से दौड़ रहीं स्लीपर कोच बसें

बिना ट्रैवलिंग एजेंसी रजिस्टर्ड धड़ल्ले से दौड़ रहीं स्लीपर कोच बसें

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बिना ट्रैवलिंग एजेंसी रजिस्टर्ड धड़ल्ले से दौड़ रहीं स्लीपर कोच बसें,

इटावा। परिवहन विभाग और एआरटीओ की अनदेखी के चलते दर्जन भर से अधिक ट्रैवलिंग एजेंसिंयां बिना रजिस्ट्रेशन के खुलेआम चल रहीं,जिससे सरकार को प्रतिमाह लग रहा लाखों का चूना।
जानकारी के अनुसार जनपद के उपनगर बकेवर व महेवा से दिल्ली,जयपुर, अहमदाबाद,आगरा आदि स्थानों को सफर करने के लिए लगभग दर्जन भर ट्रैवल एजेंसी से स्लीपर कोच बसें रोज देर शाम यात्रियों को लेकर जाती हैं।जबकि इन ट्रेवल एजेंसियों का किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं है और ये बसें बयालीस सीटों में पास हैं जबकि उनमें अस्सी से एक सौ तक सवारियां भरकर ले जाईं जातीं बताई जा रहीं हैं, इस तरह सवारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की अधिक संभावना रहती है।शाम ढलते ही वहां एजेंसिंयों के एजेंट किस तरह टिकट काटकर यात्रियों से किराया वसूलकर उनके हाथों में टिकट थमाकर उन्हें सीटों पर बैठा देते हैं। रोज शाम को अवैध बसों की लाइन लग जाती है जिससे जाम की स्थिति भी पैदा हो जाती है। बकेवर चौराहे पर तो कई बगैर रजिस्टर्ड ट्रेवल्स एजेंसिंयां धड़ल्ले से काम कर रहीं हैं।यहां रात को आठ बजे के बाद कई स्लीपर बसों का जमावड़ा लग जाता है और एजेंसी संचालक तरह-तरह के प्रलोभन देकर अपने-अपने जाल में सवारियों को फंसाकर अपनी-अपनी स्लीपर कोच में बैठाकर बारे के न्यारे कर रहे हैं।यह भी बताया गया कि इन बसों पर चलने वाले हेल्पर आगे कहीं चेकिंग होने पर बीच रास्ते में ही उतर जाते हैं तब कई बार महिला यात्रियों को अपना दर्द पुलिस को बयां करते देखा जाता है। कुछ दिन पहले इन स्लीपर कोच बसों को कस्बों के अंदर आने से रोक दिया गया था। परन्तु ये बसें फिर कस्बों के अन्दर से सवारियां लेने के लिये धड़ल्ले से दौड़ने लगीं हैं,बताया गया कि पुलिस की मही

फिरोजाबाद से अरविंद कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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anupam

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