बांदा पवई में लहलहाती फसलों को उजाड़ रहे अन्ना मवेशी,मुआवजे को तरस रहे किसान
पवई में लहलहाती फसलों को उजाड़ रहे अन्ना मवेशी,मुआवजे को तरस रहे किसान

योगेंद्र प्रताप सिंह ब्यूरो चीफ

बाँदा,सड़क से लेकर खेत तक सुरक्षित नहीं बचे हैं। सड़क पर अन्ना गोवंश राहगीरों को चोटिल कर रहे हैं तो किसी की दुकान उजड़ रही है। दूसरी तरफ खेत में अन्ना गोवंश किसानों के लिए मुसीबत बने हैं। जिले की सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर रहे इन अन्ना गोवंशों से निपटने के लिए फिलहाल प्रशासन के पास भी कोई कारगर उपाय नहीं है, जिससे सड़क और खेत में अन्ना गोवंश का आतंक चरम में है।
बाँदा जनपद के विकासखंड बिसंडा के ग्राम पंचायत पवई में अन्ना गौवंश किसानों के लिए मुसीबत बने है।अन्ना जानवर किसानों की धान की फसल उजाड़ने में तु ले हुए है।ग्राम पंचायत पवई में स्थित गौशाला में कागजों में सैकड़ों गौवंश रजिस्टर है लेकिन हकीकत इसके विपरीत है।शासन व प्रशासन के अन्ना पशुओं को पशु आश्रय स्थलों पर संरक्षित करने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। क्षेत्र में अन्ना जानवर फसलों पर कहर बनकर टूट रहे हैं।करीब दस किसानों की पचास बीघे से ज्यादा फसल अन्नापशु चट कर गए। इससे किसानों में चिता बढ़ गई है।बीडीओ और सचिवों की लापरवाही से अन्ना पशु खेतों में खड़ी फसल उजाड़ रहे हैं।
यहां के किसान बाबू यादव पुत्र चुनना की सोलह बीघा, बाबू प्रजापति की साढ़े आठ बीघे, कल्लू की पांच बीघा, नन्ना प्रजापति की साढ़े छह बीघे,अमर सिंह सहित 10 किसानों की खेतों में लगी धान व मूंग की फसल छुट्टा मवेशियों के झुंड ने चौपट कर दी। किसानों का कहना है कि बहुत ही मेहनत व निगरानी करने के बाद धान, मूंग व ज्वार आदि की फसल तैयार की थी। अन्ना जानवरों ने बुरी तरह उजाड़ कर रख दिया। फसल उजड़ने पर किसान बेहद चितित हैं।
ग्रामीण रज्जन गिरी ने बताया की अन्ना जानवर फसल को बुरी तरह से चौपट कर रहे हैं। ग्राम प्रधान व सचिव साफतौर कह रहे की हमें आपके फसल से कोई मतलब नहीं है। अपने फसल स्वयं सुरक्षा करें।उसने बताया कि पवई स्थित गौशाला में व्यवस्था अपर्याप्त अन्ना जानवरों के लिए आए सरकारी धन का सचिव व प्रधान ने बंदरबांट कर लिया।गौवंश को भरण पोषण के लिए गौशाला में कोई व्यवस्था नहीं बची हुई है।
किसान शिव सेवक ,अजीत यादव,रमेश सविता सहित एक दर्जन से ज्यादा किसानों ने स्थानीय प्रशासन से अन्ना गौवंशों को गौशाला में संरक्षित करवाने की मांग की।
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