
*संवाददाता :-* विकास कुमार सहरसा (बिहार)।
*स्टोरी :-* उत्क्रमित विद्यालय का है बुरा हाल। 1206 छात्र छात्राएं दरी पर बैठकर पढ़ने को मजबूर। शौचालय नहीं रहने से छात्र छात्राएं को हो रही है काफी परेसानी।
*एंकर :-* बिहार के सहरसा जिले के एक ऐसा स्कूल जहां 1206 छात्र छात्राएं दरी पर बैठकर पढ़ने को है मजबूर।साथ ही साथ बिना सोचालय के स्कूल के छात्र छात्राएं को हो रही है काफी परेशानी।शिक्षा विभाग बना लापरवाह।जी हां ये ताजा वाकया सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय बिहरा का है।जहां छात्र छात्राएं को काफी दिक्कतों का सामना करना पर रहा है।खासकर 1 क्लास से लेकर 12 क्लास के बच्चों को बैठने के लिए न डेस्क है और न बैंच है न सोचालय है और न ही पेयजल की वयस्था है।9th क्लास से लेकर 12 क्लास के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है।1क्लास से 8 क्लास तक के बच्चे को पढ़ाने वाले शिक्षक से 9 से लेकर 12 क्लास तक के बच्चों को पढ़वाया जाता है।विषय वार शिक्षक नहीं रहने से छात्र छात्राएं को काफी मुसीबत का सामना करना पर रहा है।
वहीं स्कूल की समस्या को लेकर 9th क्लास में पढ़ने वाली छात्राएं सामयां कुमारी की माने तो हमलोगों के स्कूल में सभी विषय के शिक्षक नहीं है और बोला जाता है प्रतिदिन स्कूल आने।लेकिन प्रतिदिन स्कूल आते हैं तो सब विषय की पढ़ाई नहीं हो पाती है।हमलोगों के स्कूल में सोचालय और पानी की सुविधा नहीं है।मध्य विद्यालय जाकर पानी पीना पड़ता है।साथ ही साथ बेंच डेस्क नहीं है जिसके चलते नीचे बैठकर पढ़ना पड़ता है।बिजली की भी सुविधा नहीं है।
वहीं 10th में पढ़ने वाले छात्र देव नमन की माने तो यहां बैंच डेस्क की बहुत कमी है सभी विषय के शिक्षक नहीं है ,स्कूल में बैठकर चले जाते है पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है।शिक्षक की बहुत कमी है।बाथरूम नहीं है ।मध्य विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा पढ़ाई करवाई जाती है।
स्कूल की समस्या को लेकर प्रधानाचार्य हरेराम पासवान की माने तो हमारे विद्यालय में 1 से लेकर 8 क्लास में 944 बच्चे नामांकित हैं।9th से लेकर 12th में 261 बच्चे नामांकित है।दोनो की समस्या काफी अलग अलग ढंग से है।1 टु 8 क्लास में काफी बैंच डेस्क का अभाव है जिसके चलते बच्चे नीचे में बैठते हैं।1 टू 8 क्लास में विषय वार शिक्षकों का काफी अभाव है।9th टु 12th में 261 बच्चे नामांकित हैं।स्कूल परिसर में जो एक कंपनी के द्वारा 7 वर्ष पूर्व भवन बनाया गया है वो जीर्ण शीर्ण अवस्था में है,न बैंच डेस्क है,न सोचालय है,न बिजली है,न पानी है सारे बच्चे पढ़ने को उत्सुक हैं लेकिन शिक्षक के अभाव में हम बच्चे को शिक्षा मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं।किसी भी विषयमें शिक्षक नहीं है।उन्होंने ये भी कहा कि विभाग के द्वारा एक शिक्षिका को प्रतिनियोजित किया गया है वो भी मिडल स्कूल की शिक्षिका हैं वो भी उच्च क्लास के बच्चे को पढ़ाने में दक्ष नहीं है उनको परेसानी होती है।खासकर सोचालय की स्थिति इतनी जर्जर है जो बच्चे स्कूल से लौटकर चले जाते है।